Kurmi Andolan: झारखंड, ओडिशा और बंगाल के कुछ हिस्सों में ट्रेन सेवाएं प्रभावित, कुड़मी समाज का ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू

Kurmi Andolan: झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कुड़मी संगठन अपने समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने और संविधान की आठवीं अनुसूची में कुर्माली भाषा को आधिकारिक मान्यता देने के लिए दबाव बना रहे हैं। इनके 'रेल रोको आंदोलन' से ट्रेन सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं

अपडेटेड Sep 20, 2025 पर 4:59 PM
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Kurmi Andolan: कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। जबकि कई बीच में ही रोक दी गईं या देरी से चलीं

Kurmi Andolan: कुड़मी समाज के ‘रेल रोको’ आंदोलन के कारण झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में शनिवार (20 सितंबर) को ट्रेन सेवाएं ठप रहीं। अधिकारियों ने व्यापक व्यवधान की सूचना दी है। कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैंजबकि कई बीच में ही रोक दी गईं या देरी से चल रही हैंइस वजह से सैकड़ों यात्री घंटों तक फंसे रहेझारखंड में कुड़मी समाज ने अपने समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर शनिवार सुबह विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर 'रेल रोको' आंदोलन शुरू कर दिया।

झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में कुड़मी संगठन अपने समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने और संविधान की आठवीं अनुसूची में कुर्माली भाषा को आधिकारिक मान्यता देने के लिए दबाव बना रहे हैं। इस आंदोलन से रेल सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं।

आदिवासी कुड़मी समाज (एकेएस) के बैनर तले प्रदर्शनकारी रांची के राय स्टेशन, गिरिडीह के पारसनाथ और बोकारो जिले के चंद्रपुरा स्टेशन पर रेल पटरियों पर बैठे देखे गए। रेलवे द्वारा जारी बयान के अनुसार, आदिवासी कुड़मी समाज के आंदोलन के कारण दक्षिण पूर्व रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद मंडल में रेल सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं।

बयान में कहा गया, "हटिया-बर्धमान मेमू और टाटानगर-गुआ-टाटानगर मेमू समेत कम से कम तीन ट्रेन रद्द कर दी गई हैं। एक की गंतव्य से पहले ही यात्रा समाप्त कर दी गई है और चार रेल सेवाओं को अलग-अलग स्टेशनों पर रोका गया है।" अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मी प्रदर्शनकारियों को शांत कराने और रेलवे पटरी खाली कराने की कोशिश कर रहे हैं।

ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) समेत कई राजनीतिक दलों ने कुड़मियों के प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है। आंदोलन के मद्देनजर रांची प्रशासन ने जिले के विभिन्न स्टेशनों के 300 मीटर के दायरे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत प्रतिबंध लागू कर दी है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, यह आदेश मुरी, सिल्ली, खलारी और टाटीसिलवे में शुक्रवार रात आठ बजे से 21 सितंबर सुबह आठ बजे तक प्रभावी रहेगा। पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूम अनुमंडल के टाटानगर, गोविंदपुर, राखा माइंस और हल्दीपोखर स्टेशनों पर भी 100 मीटर के दायरे में इसी तरह के प्रतिबंध लागू किए गए हैं।


आदेशों के अनुसार, प्रदर्शन, धरना, पुतला दहन या घेराव, लाठी-डंडे और धनुष-बाण जैसे किसी भी प्रकार के हथियार लेकर चलना, शांति भंग करने के इरादे से पांच या उससे अधिक लोगों का इकट्ठा होना, और जनसभा करना प्रतिबंधित किया गया है। ‘आदिवासी कुड़मी समाज’ के सदस्य एवं ‘कुड़मी विकास मोर्चा’ के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कहा कि प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से रेलवे पटरियों पर विरोध जता रहे हैं।

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पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने शुक्रवार को पुलिस को निर्देश दिए थे कि आंदोलन के दौरान पत्थरबाजी रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता बढ़ाई जाए। उन्होंने अतिरिक्त बलों की तैनाती, सुरक्षा उपकरणों से लैस बलों की व्यवस्था, संवेदनशील स्टेशनों पर सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों की तैनाती तथा रेलवे पुलिस के साथ समन्वय बनाकर काम करने को कहा था।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Sep 20, 2025 4:31 PM

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