कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने की RSS पर बैन लगाने की मांग, BJP ने किया पलटवार

Mallikarjun Kharge: कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के लिए यही संगठन जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि ये उनके व्यक्तिगत विचार हैं

अपडेटेड Oct 31, 2025 पर 7:22 PM
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Mallikarjun Kharge: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं खुलकर बोलूंगा कि RSS पर बैन लगना चाहिए

Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर शनिवार (31 अक्टूबर) को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं के लिए यही संगठन जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है। कुछ दिन पहले ही खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियंक खड़गे ने भी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से आग्रह किया था कि वह सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को आरएसएस और ऐसे अन्य संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों एवं गतिविधियों में भाग लेने से सख्ती से रोकें।

खड़गे ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए पत्रकारों से कहा, "मेरा व्यक्तिगत विचार है और खुलकर बोलूंगा कि (RSS पर प्रतिबंध) लगना चाहिए। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जो चीजें (RSS को लेकर) हमारे सामने रखी हैं। अगर उसकी मर्यादा प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और शाह (गृह मंत्री अमित शाह) रखते हैं तो यह (प्रतिबंध) होना चाहिए।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, "आज देश में जो गड़बड़ियां हो रही हैं और कानून-व्यवस्था की समस्यां पैदा हो रही हैं, ये सब BJP और RSS की वजह से हैं।" सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सरदार पटेल की जयंती पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी को याद रखना चाहिए कि उसके मूल संगठन (आरएसएस) पर पटेल ने प्रतिबंध लगाया था। आज जरूरत है कि इस देश में कोई सरदार पटेल बने और इस विचारधारा पर फिर से प्रतिबंध लगे।


बीजेपी पर बोला हमला

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, "जिन लोगों ने गांधी जी की हत्या की थी, आज उन्हीं के लोग कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी सरदार पटेल को याद नहीं करती। सरदार वल्लभ भाई पटेल देश को एक करने वाले नेता हैं। उन्होंने संविधान सभा में मौलिक अधिकारों से जुड़े अपने विचार रखे और संविधान में जगह बना कर दी।"

उन्होंने दावा किया, "सरदार पटेल कहते थे कि संघ के भाषण सांप्रदायिकता से भरे हैं। संघ के कारण ही गांधी जी की हत्या हुई थी। BJP-आरएसएस हमेशा देश के लिए घातक रहे हैं। वहीं, कांग्रेस हमेशा देश की भलाई के बारे में सोचती है।"

कांग्रेस प्रमुख के अनुसार, "पहले के समय में लोग नौकरशाही में रहते हुए आरएसएस की विचारधारा फैलाते थे। ऐसे में आरएसएस और जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों के साथ सरकारी कर्मचारियों के साथ जुड़ाव पर रोक लगाई गई थी।"

खड़गे ने कहा, "लेकिन, 9 जुलाई, 2024 को मोदी सरकार ने इस रोक को हटा लिया, जिससे सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस और उसकी गतिविधियों से जुड़ने की अनुमति मिल गई है। गांधी जी की हत्या के पीछे जिस संस्था के लोगों का हाथ था, जिसे सरदार पटेल ने प्रतिबंधित किया था। BJP ने उसी संस्था के साथ सरकारी कर्मचारियों को जुड़ने की छूट दे दी है।"

उनका कहना था, "मेरा स्पष्ट मत है कि जो चीज खत्म हो चुकी थी उसे जिंदा किया गया। जिन्होंने इसे जिंदा किया, आगे कुछ हुआ तो वही जिम्मेदार होंगे...यह देश के लिए अच्छा नहीं है।" खड़गे ने तंज भरे लहजे में कहा कि सांप का विष चखकर नहीं देखना चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर सिर्फ मौत होती है।

खड़गे का दावा- नेहरु और पटेल में मतभेद नहीं थे

कांग्रेस अध्यक्ष का कहना था, "BJP के नेता हमेशा कहते हैं कि नेहरू जी और सरदार पटेल जी में मतभेद था। जबकि नेहरू जी ने खुद सरदार पटेल जी को 'भारत की एकता का शिल्पी' बताया था। वहीं, पटेल जी ने नेहरू जी को 'देश का आदर्श और जनता का नेता' कहा था।"

खड़गे ने कहा, "जो लोग देश के लिए मर-मिटे हैं, उनकी ही पार्टी (कांग्रेस) पर कुछ लोग बहुत टिप्पणियां करते हैं। ये समझ से परे है। लेकिन मैं आपको सरदार पटेल जी की बात याद दिलाना चाहता हूं। सरदार पटेल जी ने 4 फरवरी 1948 में एक पत्र में लिखा था कि गांधी जी की मृत्यु पर आरएसएस ने जो हर्ष प्रकट किया और मिठाई बांटी। उससे ये विरोध और भी बढ़ गया। इन हालात में सरकार के पास आरएसएस के खिलाफ कदम उठाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा था।"

उनके अनुसार, श्यामा प्रसाद मुखर्जी को लिखे पत्र में पटेल ने कहा था, "रिपोर्ट से सिद्ध होता है कि आरएसएस और हिंदू महासभा की गतिविधियों के कारण देश में जिस वातावरण का निर्माण हुआ, उसी से गांधी जी की हत्या हुई।" खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके शिष्य (अमित शाह) झूठ को सच में बदलने में माहिर हैं। लेकिन किसी भी सूरत में सच्चाई को नहीं बदला जा सकता।

बीजेपी का पलटवार

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। भगवा पार्टी ने कहा कि कांग्रेस ने दशकों तक पटेल की विरासत को नजरअंदाज़ किया। अब केवल आरएसएस पर निशाना साधने के लिए उनका नाम ले रही है।

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नहीं है। इसका मतलब है भारतीय नाजी कांग्रेस...। उनकी तमाम साजिशों के बावजूद अदालत ने आरएसएस पर से बैन हटा दिया। उन्होंने कहा कि आरएसएस एक गैर-राजनीतिक संगठन है और सरकारी कर्मचारी उनकी गतिविधियों में भाग ले सकते हैं। लेकिन कांग्रेस इतनी असहिष्णु है कि वे पीएफआई, एसडीपीआई और एमआईएम के दंगाइयों के साथ खड़ी हैं। लेकिन देश के कल्याण के लिए काम कर रहे आरएसएस के खिलाफ जहर उगलती हैं।"

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पूनावाला ने आगे कहा कि कांग्रेस पटेल के सिद्धांतों पर चलने की बात तो करती है, लेकिन उसने कभी भी उनके दृष्टिकोण या योगदान का सम्मान नहीं किया। गुजरात के एकता नगर में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के पास राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा, "सरदार पटेल पूरे कश्मीर को भारत में मिलाना करना चाहते थे जैसा उन्होंने अन्य रियासतों के साथ किया था। लेकिन नेहरू जी ने उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी। कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और अलग झंडा दिया गया। कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा देश को दशकों तक भुगतना पड़ा।"

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