दुनियाभर में भूकंप की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। लगातार भूकंप के झटकों से लग दहशत में आ गए हैं। इस बीच देश में उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में आज (19 मार्च 2025) तड़के करीब 3 बजे भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। इससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। लोग अपने घरों में जब गहरी नींद में थे। तभी झटके लगे। ऐसे में बहुत से लोग घरों से बाहर निकलने लगे। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र चुराचांदपुर में धरती की सतह से 10 किलोमीटर नीचे दर्ज किया गया।
अब तक भूकंप से किसी तरह के तत्काल नुकसान की खबर नहीं है। सुबह 3.40 बजे भूकंप आया था। मंगलवार को भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। ये भूकंप 1 बजकर 18 मिनट पर आया और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 मापी गई है। इस भूकंप के केंद्र धरती से 110 किलोमीटर भीतर था। वहीं, भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी मंगलवार को भूकंप आया।
जानिए क्यों आते हैं भूकंप
धरती के ऊपरी सतह सात टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी हैं। जहां भी ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं। वहां भूकंप का खतरा पैदा हो जाता है। भूकंप तब आता है, जब ये प्लेट्स एक-दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं। ऐसे में जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं, एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर होती हैं। तब ऐसी स्थिति में जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहा जाता है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।