IAF MiG-21 Retire: अलविदा MiG-21! मिग-21 लड़ाकू विमान 62 साल बाद हुआ रिटायर, चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन पर हुई भव्य विदाई

IAF MiG-21 Retire: मिग-21 विमानों को 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। करीब 62 साल से अधिक समय तक सेवा के बाद शुक्रवार 26 सितंबर को इन्हें रिटायर कर दिया गया। इस प्रतिष्ठित विमान को 62 साल पहले वायुसेना में शामिल किया गया था। यह भारत की वायुशक्ति में एक ऐतिहासिक अध्याय के समापन का प्रतीक था

अपडेटेड Sep 26, 2025 पर 11:42 AM
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IAF MiG-21 Retire: भारतीय वायुसेना की ताकत रहे मिग-21 लड़ाकू विमान शुक्रवार रिटायर हो जाएंगे

IAF MiG-21 Retire: छह दशकों से भी अधिक समय से भारतीय वायुसेना (IAF) के लड़ाकू बेड़े की ताकत रहे प्रसिद्ध रूसी फाइटर जेट मिग-21 शुक्रवार (26 सितंबर) को चंडीगढ़ में आयोजित एक समारोह मेंिटायर हो गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय वायु सेना के मिग-21 लड़ाकू विमान बेड़े के सेवामुक्त होने के समारोह में शामिल हुए। इस दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान, COAS जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सीएनएस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी उपस्थित थे।

मिग-21 विमानों को 1963 में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। करीब 62 साल से अधिक समय तक सेवा के बाद आज इन्हें रिटायर कर दिया गया। इस प्रतिष्ठित विमान को 62 साल पहले वायुसेना में शामिल किया गया थायह भारत की वायुशक्ति में एक ऐतिहासिक अध्याय के समापन का प्रतीक था

'पैंथर्स' उपनाम वाले 23वें स्क्वाड्रन के आखिरी मिग-21 विमान को चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर आयोजित समारोह में विदाई दी गई। एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह शुक्रवार को विमान की आखिरी उड़ान में सवार थेसाल 1981 में भारतीय वायुसेना प्रमुख बने दिलबाग सिंह ने 1963 में पहली मिग-21 स्क्वाड्रन का नेतृत्व किया था। मिग-21 विमानों के बारे में हाल ही में X पर एक पोस्ट में भारतीय वायुसेना ने कहा था, "छह दशकों की सेवा, साहस की अनगिनत कहानियां, एक ऐसा योद्धा जिसने राष्ट्र के गौरव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।"


विदाई समारोह में मिग-21, जगुआर और सूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीम द्वारा एक शानदार फ्लाईपास्ट शामिल थाइसमें ये विमान बादल और पैंथर फॉर्मेशन का नेतृत्व किया। एक बयान के मुताबिक, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह खुद बादल फॉर्मेशन में शामिल हुए और स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा के साथ उड़ान भरी। मिग-21 और जगुआर के बीच डॉगफाइट प्रदर्शन से 2019 की बालाकोट हवाई हमले की यादें ताजा हो जाएंगीजब तत्कालीन विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने मिग-21 से हमला किया था

जाने वाले विमानों को वाटर कैनन से सलामी दी गईजबकि एयर चीफ मिग-21 की फॉर्म 700 लॉगबुक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपे। 1963 में शामिल किया गया मिग-21 कई संघर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में इसने दुश्मन की पोजिशन पर हमला किया।

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जबकि 1971 में ढाका गवर्नर हाउस पर इसके बमबारी ने युद्ध का रुख भारत के पक्ष में कर दिया। कई दशकों बाद 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद मिग-21 ने एक बार फिर अपनी क्षमता साबित की जब उसने एक पाकिस्तानी F-16 को मार गिराया। हाल ही में इसने 'ऑपरेशन सिंदूर' में प्रभावी लड़ाकू मिशन भी अंजाम दिए।

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