McDonald’s: वैश्विक फास्ट फूड दिग्गज मैकडॉनल्ड्स ने भारत में अपने मेनू में 'मिलेट बन बर्गर' को शामिल करके मोटे अनाजों को ग्लोबल टच दे दिया है। हेल्दी फूड सेगमेंट में अपनी पैठ बनाने के उद्देश्य से अमेरिकी कंपनी की भारतीय इकाई ने इस नए बन को 5 तरह के मिलेट ज्वार, बाजरा, रागी, प्रोसो और कोदो का उपयोग करके विकसित किया है। इस कदम के साथ ही McDonald’s भी मिलेट क्रांति में शामिल हो गया है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित करके शुरू किया था।
CFTRI के साथ मिलकर बनाया अनोखा 'मिलेट बर्गर बन'
मैकडॉनल्ड्स इंडिया ने मिलेट बन को काउंसिल ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च के तहत आने वाले सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CFTRI), मैसूर के सहयोग से विकसित किया है। CFTRI द्वारा विकसित एक विशेष खाद्य प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इस बन का उत्पादन किया गया है, जिससे इसका पोषक मूल्य बढ़ाया गया है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसकी सराहना की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'स्वदेशी' पहल की तारीफ की। उन्होंने X पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि यह 'विदेशी का स्वदेशी में बदलना' है, जो भारत के मिलेट आंदोलन की एक बड़ी जीत है। उन्होंने कहा, 'यह एक गर्व का क्षण है जो दर्शाता है कि भारतीय नवाचार और पारंपरिक पोषण कैसे वैश्विक खाद्य रुझानों को नया आकार दे रहे हैं।'
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, मिलेट अनाज की एक विविध श्रेणी है, जिसमें बाजरा, ज्वार और रागी सहित कई किस्में शामिल हैं। FAO बताता है कि मिलेट कम इनपुट के साथ शुष्क भूमि पर भी उग सकते हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीले होते हैं। यही कारण है कि वे देशों के लिए आत्मनिर्भरता बढ़ाने और आयातित अनाज पर निर्भरता कम करने का एक आदर्श समाधान हैं।
मैकडॉनल्ड्स के मेनू में मिलेट बर्गर का शामिल होना भारत के मिलेट आंदोलन को एक बड़ी पहचान दिलाएगा, जिसका श्रेय पीएम मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप पर UN द्वारा 2023 को 'अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष' घोषित करने को दिया जाता है।