ANI के मुताबिक, क्योडो न्यूज ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से बताया कि जापानी सरकार इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भारत के लिए 10 ट्रिलियन येन (68 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के निवेश टारगेट की घोषणा करने की तैयारी कर रही है। यह 2022 में घोषित 5 ट्रिलियन येन के पांच-वर्षीय लक्ष्य से आई एक तेज छलांग है। दोनों देश तेजी से आक्रामक होते चीन के जवाब में "स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत" को बढ़ावा देने के लिए आपसी आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने पर फोकस कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और मोदी के बीच शिखर वार्ता के बाद एक संयुक्त वक्तव्य में नए निवेश टारगेट का एलान किया जा सकता है। बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री 29 अगस्त से जापान की तीन दिवसीय यात्रा पर होंगे। ये मई 2023 में हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद उनकी पहली यात्रा होगी। इससे पहले पूर्व जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की मार्च 2022 में हुई भारत यात्रा के दौरान जापानी निवेश टारगेट का एलान किया गया था।
क्योडो न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक निवेश के अलावा, दोनों सरकारें आर्थिक सुरक्षा में सहयोग के लिए एक नए ढांचे पर भी सहमति बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। इसमें महत्वपूर्ण वस्तुओं की व्यवधान रहित आपूर्ति शामिल होगी। इन वस्तुओं में सेमीकंडक्टर, जरूरी खनिज, कम्युनिकेशन, ग्रीन एनर्जी, एआई और मिडिसीन को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान टोक्यो और नई दिल्ली द्वारा नई टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप्स पर केंद्रित एक एआई सहयोग योजना की भी घोषणा किए जाने की उम्मीद है। एएनआई के हवाले से,एक सूत्र ने क्योडो न्यूज़ से कहा "हमें उम्मीद है कि जिन क्षेत्रों में भारतीय कंपनियां मज़बूत हैं, उनमें जापानी कंपनियों (और उनकी भारतीय समकक्षों) के बीच सहयोग को बढ़ावा देने से जापानी अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान मिलेगा।"
सूत्रों ने बताया कि अपने जापानी प्रवास के दौरान पीएम मोदी मियागी प्रांत के सेंडाई में प्रायोगिक शिंकानसेन बुलेट ट्रेन कार देखने तथा चिप बनाने वाले उपकरणों की एक प्रमुख जापानी निर्माता कंपनी का दौरा करने जा सकते हैं।