MP News: मध्य प्रदेश से खेल जगत से एक बेहद ही दुखद खबर आई है। अंतरराष्ट्रीय जुजित्सु खिलाड़ी और मार्शल आर्ट कोच रोहिणी कलम ने रविवार (26 अक्टूबर) को मध्यप्रदेश के देवास स्थित अपने घर में फांसी लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जुजित्सु खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली रोहिणी कलाम अपने घर में मृत पाई गईं। 35 साल की कलम के इस कदम ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। वह एक दिन पहले ही आष्टा से अपने घर लौटी थीं।
रोहिणी ने अबू धाबी में 8वीं एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार भारत का प्रतिनिधित्व किया था। साथ ही वह एक स्कूल में मार्शल आर्ट कोच के रूप में भी काम करती थीं। कथित तौर पर वह काम से संबंधित तनाव में थीं। परिवार के सदस्यों के मुताबिक, रविवार सुबह तक सबकुछ सामान्य था। रोहिणी ने सबके साथ नाश्ता किया था। उन्हें एक कॉल आई।
कॉल आने के बाद वह अपने कमरे में चली गईं और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। काफी देर तक जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला। अंदर से आवाज भी नहीं आई तो छोटी बहन रोशनी कलम ने दरवाजा तोड़ा। दरवाजा खुलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। रोहिणी कमरे के अंदर फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी। बहन ने तुरंत परिजनों को सूचना दी। उसके बाद रोहिणी को अस्पताल पहुंचाया गया।
लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, घटना के समय रोहिणी की मां एक अन्य बेटी के साथ देव दर्शन के लिए बाहर गई थीं। जबकि पिता भी किसी काम से घर से बाहर थे। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस रोहिणी के अर्जुन नगर राधागंज स्थित घर पहुंची। घटनास्थल से पुलिस को कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है। इस वजह से आत्महत्या के कारण का पता नहीं चल सका है।
शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। रोहिणी कलम एक इंटरनेशनल जुजित्सु खिलाड़ी थीं। उन्होंने साल 2007 में अपने खेल करियर की शुरुआत की थी। 2015 से पेशेवर रूप से जुजुत्सु से जुड़ी थीं। पिछले साल अबू धाबी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जुजित्सु प्रतियोगिता में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। वह वर्तमान में आष्टा के एक निजी स्कूल में मार्शल आर्ट की कोच के रूप में कार्यरत थीं।
रोहिणी के पिता ने कथित तौर पर बताया कि खिलाड़ी आईपीएस अधिकारी बनने का सपना देखती थी। वह दो साल से विक्रम पुरस्कार के लिए कोशिश कर रही थी। एनडीटीवी के अनुसार, पिता ने बताया कि उसे काम पर भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा था। वह शादी के प्रस्तावों को भी ठुकरा रही थी। उसके पिता ने बताया कि पांच महीने पहले हुई एक बड़ी सर्जरी के बाद वह शारीरिक बीमारियों से भी जूझ रही थी। वह काम से जुड़े तनाव ने उस पर और दबाव बढ़ा दिया।