IIT Kanpur MANAS network: मुंबई में हवा की होगी हर मिनट जांच, IIT कानपुर ने लॉन्च किया वायु निगरानी नेटवर्क 'MANAS'

IIT Kanpur MANAS network: IIT -कानपुर ने आधिकारिक तौर पर एक नया वायु प्रदूषण निगरानी नेटवर्क, MANAS Mumbai Air Network for Advanced Sciences, लॉन्च किया है। इसके तहत पूरे शहर में छोटे-छोटे मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए जाएंगे, जिससे अभी मौजूद सिस्टम काफी बड़ा और बेहतर हो जाएगा।

अपडेटेड Dec 03, 2025 पर 1:48 PM
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मुंबई में हवा की होगी हर मिनट जांच, IIT कानपुर ने लॉन्च किया वायु निगरानी नेटवर्क 'MANAS'

IIT Kanpur MANAS network: IIT -कानपुर ने आधिकारिक तौर पर एक नया वायु प्रदूषण निगरानी नेटवर्क, MANAS Mumbai Air Network for Advanced Sciences, लॉन्च किया है। इसके तहत पूरे शहर में छोटे-छोटे मॉनिटरिंग स्टेशन लगाए जाएंगे, जिससे अभी मौजूद सिस्टम काफी बड़ा और बेहतर हो जाएगा। इस परियोजना के तहत अभी जो 30 सेंसर लगे हैं, उनमें 75 और नए सेंसर जोड़े जाएंगे। इससे मोहल्ले-स्तर पर भी हवा की गुणवत्ता की सही जानकारी मिल सकेगी।

इस नेटवर्क के पूरी तरह से चालू होने में लगभग एक साल लग सकता है। जब यह पूरी तरह चालू हो जाएगा, तब मिलने वाला यह बेहद स्थानीय (ultra-local) डेटा सरकार को यह समझने में मदद करेगा कि किस इलाके में कैसा प्रदूषण है और वहां सही समय पर, सही कदम कैसे उठाए जाएं।

मुंबई के नगर आयुक्त ने पहल की शुरुआत की


मुंबई के नगर आयुक्त भूषण गगरानी ने इस पहल की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि, “तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की एक कीमत पर्यावरण से जुड़ी समस्याएं होती हैं। लेकिन वार्ड और मोहल्ला स्तर पर सस्ती तकनीक से एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग को उन्नत एनालिटिक्स के साथ जोड़कर हम समय पर और सही तरीके से कदम उठाने की क्षमता बढ़ा रहे हैं।”

प्रत्येक नए मॉड्यूलर प्रदूषण-निगरानी स्टेशन की लागत 50,000 रुपये होने का अनुमान है, जबकि शहर भर में इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक सेंसरों की लागत 1.5 करोड़ रुपये है।

नई यूनिट्स सौर पैनलों से भी लैस हैं, जिससे उन्हें किसी बाहरी बिजली की जरूरत नहीं पड़ती।, जबकि पुराने सिस्टम को 24 घंटे बिजली और एयर-कूलिंग की आवश्यकता होती है।

उपायुक्त ने दी जानकारी

नगर निगम के उप आयुक्त (पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन) अविनाश काटे ने कहा, "MANAS के शुभारंभ के साथ, हम रियल टाइम में पड़ोस-स्तरीय ट्रैकिंग को सक्षम कर रहे हैं, जिससे निर्णय लेने और जमीनी स्तर पर प्रतिक्रियाओं में सुधार होगा। बीएमसी मुंबई में स्वच्छ हवा के लिए स्वदेशी तकनीकों, खुले डेटा पारदर्शिता और सहयोगात्मक समाधानों के लिए प्रतिबद्ध है।"

मॉड्यूलर स्टेशन 95% स्वदेशी रूप से निर्मित हैं, हालांकि उनके मिशन-क्रिटिकल सेंसर चीन से आयात किए जाते हैं, जो वर्तमान में उनका प्रोडक्शन करने वाला एकमात्र देश है।

IIT कानपुर में कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के डीन और एक प्रमुख जलवायु वैज्ञानिक प्रोफेसर सच्चिदा नंद त्रिपाठी, जो एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज फॉर मॉनिटरिंग एयर-क्वालिटी इंडिकेटर्स (ATMAN) सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रमुख हैं, ने इस पहल का नेतृत्व किया है।

केवल 30 सेंसर उपलब्ध 

त्रिपाठी ने कहा, "मुंबई का कुल क्षेत्रफल 650 वर्ग किलोमीटर है और केवल 30 सेंसर उपलब्ध होने के कारण, हर 25 वर्ग किलोमीटर के लिए ही डेटा का पता लगाया जा सकता है। आप उस समस्या का समाधान नहीं कर सकते जिसे आप माप नहीं सकते।" उन्होंने आगे कहा कि "हम दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले देशों में से एक हैं और अगर आंकड़ों पर विश्वास किया जाए, तो जलवायु संकट के कारण हर साल लगभग 2 मिलियन लोगों की अकाल मृत्यु होती है।"

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