National Herald Case: कम नहीं हो रही सोनिया और राहुल गांधी की मुश्किलें! नेशनल हेराल्ड मामले में ED नए सिरे से दाखिल करेगी चार्जशीट

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में फेडरल जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) कांग्रेस नेताओं सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ नई चार्जशीट फाइल करेगा। अधिकारियों ने मंगलवार (16 दिसंबर) को बताया कि ED ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली पुलिस की नई FIR का संज्ञान लिया है

अपडेटेड Dec 16, 2025 पर 8:06 PM
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National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ने वाली है

National Herald Case: फेडरल जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज की गई नई FIR का संज्ञान लेते हुए कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ अन्य लोगों के खिलाफ नया चार्जशीट दाखिल करेगा। इससे पहले दिल्ली की एक निचली अदालत ने अप्रैल में ED द्वारा सोनिया-राहुल गांधी के साथ-साथ कुछ अन्य लोगों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट का संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था।

स्पेशल जज विशाल गोगने ने कहा कि इस मामले में दाखिल चार्जशीट एक निजी व्यक्ति की शिकायत पर की गई जांच पर आधारित है। न कि किसी मूल अपराध से संबंधित FIR पर...। उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत इस पर संज्ञान लेना स्वीकार्य नहीं है।

अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि ईडी सॉलिसिटर जनरल (SG) या एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) से राय लेने के बाद ट्रायल कोर्ट के स्पेशल जज विशाल गोगने के आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकती है।


अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने इसे जीत करार दियामुख्य विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की अवैधता और उसके राजनीतिक रूप से प्रेरित अभियोजन का पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है।

अधिकारियों ने कहा कि अदालत ने ईडी ECIR (Enforcement Case Information Report) को रद्द नहीं किया है, जो PMLA में पुलिस द्वारा दर्ज FIR के समकक्ष है। इसे 30 मई, 2021 को दायर किया गया था। उन्होंने कहा किक इस पर पूरा मामला आधारित है।

इसी ईसीआईआर के आधार पर ईडी ने आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि गांधी परिवार ने व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पद का ‘‘दुरुपयोग’’ किया और सोनिया-राहुल गांधी के ‘‘स्वामित्व वाली’’ निजी कंपनी यंग इंडियन (YI) ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों का मात्र 50 लाख रुपये में अधिग्रहण कर लिया। यह सके वास्तविक मूल्य का काफी कम आंकलन था।

एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार और वेब पोर्टल का प्रकाशक है। यह यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में हैअधिकारियों ने बताया कि नेशनल हेराल्ड मामले में ED की 2021 की ECIR (FIR) यथावत है। अदालत ने केवल इतना कहा है कि चार्जसीट का संज्ञान लेना अनुचित है।

उन्होंने बताया कि एजेंसी ने अपने मामले और जांच को मजबूत कानूनी आधार पर बनाए रखने के लिए पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की तीन अक्टूबर की FIR को अपनी मौजूदा ईसीआईआर में मिला दिया है।

अधिकारियों ने पीटीआई बताया कि एजेंसी ने इस मामले में जांच के दौरान एकत्र किए गए दस्तावेजी सबूत सितंबर में इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) के साथ सेयर किए थे। बाद में यह तीन अक्टूबर को पुलिस द्वारा आपराधिक शिकायत दर्ज करने का आधार बने।

उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा मामले में चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद ईडी अपने स्तर पर नया आरोप पत्र दाखिल करेगी। अधिकारियों ने बताया कि ईडी नया चार्जशीट दाखिल करने से पहले आरोपियों से दोबारा पूछताछ कर सकती है।

जांच एजेंसी के मुताबिक यंग इंडियन की बहुमत हिस्सेदारी गांधी परिवार के सदस्यों (प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं) के अलावा कुछ अन्य लोगों के पास है। इनसे कुछ साल पहले घंटों पूछताछ की गई थी। एजेंसी ने एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत इस जांच के हिस्से के रूप में कुर्क की गई एजेएल की 751.91 करोड़ रुपये की संपत्ति का नियंत्रण लेने के लिए फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की है।

पुलिस (EOW) ने तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B (आपराधिक साजिश), 403 (संपत्ति का बेईमानी से दुरुपयोग), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत दर्ज FIR में आरोप लगाए हैं।

इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस नेता सुमन दुबे और सैम पित्रोदा, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज लिमिटेड जैसी संस्थाओं, डोटेक्स के प्रवर्तक सुनील भंडारी, एजेएल और अज्ञात अन्य लोगों को नामजद किया है।

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ईडी ने भी अपने चार्जशीट में इन सभी को आरोपी बनाया जिसपर अदालत ने मंगलवार को संज्ञान में लेने से इनकार कर दिया। EOW ने अपनी जांच शुरू कर दी है। ऐसी खबरें हैं कि उसने हाल ही में कर्नाटक कांग्रेस के नेता और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को नोटिस जारी किया है। ईडी ने इस मामले में कथित अपराध से प्राप्त धनराशि (PMLA के तहत अवैध धन) 988.03 करोड़ रुपये आंकी है।

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