उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले NDA सासंदों का डिनर कैंसिल, पीएम आवास पर होने वाला था क्रार्यक्रम...जानें क्या है वजह?

भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के आवास पर उसी दिन होने वाला डिनर भी कैंसिल कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला देश के कई हिस्सों में मानसून से हुई भारी तबाही को देखते हुए लिया गया

अपडेटेड Sep 06, 2025 पर 7:33 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पर एनडीए सांसदों के लिए होने वाला डिनर कैंसिल कर दिया गया है।

उत्तर भारत में आई भीषण बाढ़ के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पर एनडीए सांसदों के लिए होने वाला डिनर कैंसिल कर दिया गया है। सूत्रों ने शनिवार को इसकी पुष्टि की। बता दें कि ये डिनर 8 सितंबर को होना तय था और इसे उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले एनडीए नेताओं की बैठक के रूप में देखा जा रहा था। लेकिन पंजाब और आसपास के राज्यों में लगातार बारिश और बाढ़ से बनी गंभीर स्थिति को देखते हुए इसे रद्द करने का निर्णय लिया गया।

NDA सासंदों का डिनर कैंसिल

भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के आवास पर उसी दिन होने वाला डिनर भी कैंसिल कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला देश के कई हिस्सों में मानसून से हुई भारी तबाही को देखते हुए लिया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शुक्रवार को लगातार बारिश, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से हुए नुकसान पर चिंता जताई और प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की।

वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पहाड़ी इलाकों में बादल फटने और मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ ने भयानक तबाही मचाई है। इससे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, असम समेत देश के कई हिस्सों में जनहानि और भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रभावित लोगों को मदद का आश्वासन दिया और राहत व बचाव कार्यों में जुटे आपातकालीन कर्मियों की सराहना भी की।

पंजाब में आया है भीषण बाढ़


पंजाब में बाढ़ से अब तक 43 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 14 से ज्यादा जिलों में नुकसान की खबर है। हिमाचल प्रदेश में इस साल बारिश से जुड़ी घटनाओं में 300 से अधिक लोगों की जान गई है। वहीं, दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों के लोगों को घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के मुताबिक, 1 से 5 सितंबर के बीच कई राज्यों में सामान्य से कहीं अधिक बारिश हुई। हिमाचल प्रदेश में 948 मिमी, दिल्ली में 719.5 मिमी और असम में 826.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

तेज बारिश और बाढ़ की वजह से बड़े पैमाने पर खेती की ज़मीन डूब गई और कई जगहों पर अहम ढाँचे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इसी कारण कई राज्य सरकारों ने केंद्र से तुरंत आर्थिक मदद और पुनर्निर्माण के लिए सहायता की मांग की है।

MoneyControl News

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First Published: Sep 06, 2025 7:28 PM

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