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Online Gaming Law 2025: ऑनलाइन गेमिंग कानून के लिए ड्राफ्ट रूल्स जारी! नियम के उल्लंघन को गैर-जमानती बनाने का प्रस्ताव, 31 अक्टूबर तक लोगों से मांगे सुझाव

online gaming bill 2025: सरकार नए ऑनलाइन गेमिंग कानून को देश भर में सख्ती से लागू करने की तैयारी में है। पैसे के जरिए खेले जाने वाले सभी ऑनलाइन गेम पर बैन लगाने और ई-स्पोर्ट्स तथा ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने के लिए संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है

अपडेटेड Oct 02, 2025 पर 10:55 PM
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online gaming bill 2025: कानून को बनाने से पहले सरकार ने गेमिंग कंपनियों, बैंकों और अन्य संबंधित से कई बार चर्चा कर चुकी है

Online Gaming Law 2025: नए ऑनलाइन गेमिंग कानून को सख्ती से लागू करने को लेकर सरकार अब एक्शन मोड मे आ गई है। सरकार ने पैसे आधारित ऑनलाइन गेमिंग नियमों के उल्लंघन को गैर-जमानती अपराध बनाने और उल्लंघन में मदद करने के लिए कंपनी के सभी कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराने का प्रस्ताव रखा है। सरकार की तरफ से इस पर लोगों से फीडबैक भी मांगे गए हैं।

गुरुवार (2 अक्टूबर) को जारी ड्राफ्ट रूल्स के मुताबिक, किसी भी अधिकृत अधिकारी को किसी भी स्थान, चाहे वह भौतिक हो या डिजिटल, में एंट्री करने और ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन एवं विनियमन (पीआरओजी) अधिनियम, 2025 के तहत किसी भी अपराधी या संदिग्ध व्यक्ति की बिना वारंट के तलाशी लेने और गिरफ्तार करने की अनुमति होगी।

इसमें प्रस्ताव किया गया है, "भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में निहित प्रावधानों के बावजूद, धारा पांच और धारा सात के तहत अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।" मसौदा नियमों के तहत, धारा पांच संस्थाओं को ऑनलाइन मनी गेम्स और ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं की पेशकश, सहायता, प्रोत्साहन या उनमें शामिल होने से रोकती है।


धारा सात बैंकों, वित्तीय संस्थानों या किसी अन्य व्यक्ति को किसी भी ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवा के लिए वित्तीय लेनदेन की सुविधा प्रदान करने से रोकती है। ये मसौदा नियम ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन एवं विनियमन अधिनियम की धारा 19 के तहत तैयार किए गए हैं। अधिनियम को राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद 22 अगस्त को अधिसूचित कर दिया गया था।

यह अधिनियम देश में ऑनलाइन मनी गेम्स और पैसे-आधारित गेमिंग सेवाओं के साथ उनके प्रचार पर भी प्रतिबंध लगाता है। ये नियम अधिनियम के तहत उपकरणों सहित संदिग्ध स्थानों की तलाशी लेने के लिए अधिकृत अधिकारियों या व्यक्तियों को किसी भी प्रकार के मुकदमे या कानूनी कार्यवाही से सुरक्षा प्रदान करते हैं। 

ये नियम कैसे हैं इस पर मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ने लोगों से फीडबैक मांगे हैं। आप 31 अक्टूबर तक इसके बारे अपना फीडबैक दे सकते हैं। कानून को बनाने से पहले सरकार ने गेमिंग कंपनियों, बैंकों और अन्य हिस्सेदारों से कई बार चर्चा कर चुकी है। पिछले दिनों ऑनलाइन गेमिंग कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है।

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब नया ऑनलाइन गेमिंग कानून 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गया है।पिछले महीने IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 एक अक्टूबर से लागू होगा। पैसे के जरिए खेले जाने वाले सभी ऑनलाइन गेम पर बैन लगाने और ई-स्पोर्ट्स तथा ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने के लिए संसद के दोनों सदनों से पारित विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है।

यह कानून ऑनलाइन मनी गेम से संबंधित विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध लगाता है। साथ ही बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे किसी भी गेम के लिए पैसे उपलब्ध कराने या ट्रांसफर करने से रोकता हैमिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी के मुताबिक, हर साल करीब 45 करोड़ भारतीय को ऑनलाइन मनी गेम्स की वजह से नुकसान होता है। साथ ही सरकार का आंकलन है कि हर साल गेम्स से आम लोग करीब 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक गवां देते हैं। इसके शिकार आम परिवार के युवा होते हैं।

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इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बिल पारित होने के बाद कहा था कि पैसे से जुड़ा ऑनलाइन गेम एक गंभीर सामाजिक और जन स्वास्थ्य समस्या बन गया है। इसका समाज पर नकारात्मक प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। वैष्णव ने पैसे आधारित ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को पारित करने के बाद कहा कि प्रस्तावित कानून ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देगा और भारत को ऐसे गेम के विकास का केंद्र बनाएगा।

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