BJP vs Congress Gandhi Jayanti 2025: कांग्रेस की गोवा इकाई के प्रमुख अमित पाटकर की इस टिप्पणी पर रविवार (2 अक्टूबर) को सियासी विवाद खड़ा हो गया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) दो अक्टूबर को उस संगठन का शताब्दी वर्ष समारोह मना रही है, जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की “हत्या” की थी। बीजेपी ने पाटकर के बयान को बेशर्मी भरा झूठ बताते हुए खारिज कर दिया। साथ ही पार्टी ने कांग्रेस नेता से विवादित बयान को लेकर माफी की मांग की है। पाटकर ने आरोप लगाया कि बीजेपी के होठों पर महात्मा गांधी का नाम है। लेकिन उसके दिल में राष्ट्रपिता का हत्यारा नाथूराम गोडसे बसता है।
पीटीआई के मुताबिक, पणजी में पत्रकारों से बातचीत में गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) प्रमुख ने कहा, "आज दो अक्टूबर (महात्मा गांधी की जयंती) है। BJP कहती है कि हम गांधीजी की विचारधारा और उपदेशों का पालन करेंगे। लेकिन BJP उस संगठन की 100वीं वर्षगांठ मना रही है, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की थी।" साल 1925 में दशहरा के दिन स्थापित आरएसएस ने गुरुवार को अपनी स्थापना के 100 साल पूरे कर लिए। इस साल दशहरा गांधी जयंती के दिन ही पड़ा है।
बीजेपी ने आरएसएस के संबंध में पाटकर की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने अपनी गोवा इकाई के आधिकारिक X अकाउंट पर एक पोस्ट में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने की मांग की। BJP ने कहा, "गोवा कांग्रेस के अध्यक्ष अमित पाटकर अपनी कुर्सी बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाने के स्तर तक गिर गए हैं। यह एक बेशर्मी भरा झूठ है और उन लाखों स्वयंसेवकों का अपमान है, जिन्होंने 100 वर्षों तक निस्वार्थ भाव से भारत की सेवा की है।"
भगवा पार्टी ने आगे कहा, "इतिहास, न्यायपालिका और हर स्वतंत्र जांच ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गांधी की हत्या में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं थी। अमित पाटकर को तुरंत माफी मांगनी चाहिए। अस्तित्व बनाए रखने की हताशा उन्हें आरएसएस को बदनाम करने का लाइसेंस नहीं देती। गोवा झूठ और गंदगी पर आधारित राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करेगा।"
प्रदेश BJP के पूर्व प्रवक्ता गिरिराज पई वर्नेकर ने X पर लिखा, "प्रिय अमित पाटकर, मैं समझता हूं कि आप प्रदेश गोवा अध्यक्ष के रूप में अपनी कुर्सी बचाने के लिए बेताब हैं। लेकिन आरएसएस को अपनी गंदी राजनीति से दूर रखें।"
उन्होंने कहा, "हर कानूनी, ऐतिहासिक और न्यायिक जांच में साफ तौर पर कहा गया है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि एक संगठन के रूप में आरएसएस का गांधी की हत्या से कोई लेना-देना था। इसलिए अपने साथी कांग्रेसियों के साथ होने वाले झगड़ों में आरएसएस को घसीटना बंद करें। गोवा कांग्रेस में अस्तित्व बनाए रखने का आपका संघर्ष आपको उस संगठन को बदनाम करने का लाइसेंस नहीं देता, जिसने भारत को 100 साल समर्पित किए हैं।"