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Bihar Election 2025: BJP में टिकट को लेकर मंथन तेज, इन विधायकों का कटेगा टिकट, नए चेहरों को मिलेगा मौका!

NDA Seat Sharing: भाजपा इस बार युवा और महिला उम्मीदवारों को अधिक अवसर देने की तैयारी में है। पार्टी का फोकस जीतने वाले उम्मीदवार की रणनीति पर है। यानी जिस उम्मीदवार की जनता के बीच लोकप्रियता है, वही टिकट पाएगा। इसके अलावा कुछ सीटों पर अदला-बदली भी हो सकती है

अपडेटेड Oct 05, 2025 पर 12:55 PM
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बिहार भाजपा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने बीते दिन एक अहम बैठक की, जिसमें करीब 600 संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई है

Bihar NDA Seat Sharing: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी न हुआ हो, लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी है। पार्टी ने राज्य की 125 सीटों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली है। इनमें से 110 सीटें वो हैं, जहां पिछली बार भाजपा उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि 15 नई सीटों पर भी इस बार खास नजर रखी जा रही है।

बिहार भाजपा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने बीते दिन शनिवार (4 अक्टूबर) को एक अहम बैठक की, जिसमें करीब 600 संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई है। सूत्री के मुताबिक, इस बैठक में यह तय हुआ कि कमजोर प्रदर्शन करने वाले या विवादों में घिरे दो दर्जन से अधिक विधायकों का टिकट काटा जा सकता है। पार्टी का कहना है कि अब केवल वही नेता दोबारा मौका पाएंगे, जिनकी जनता के बीच पकड़ मजबूत है।

नए चेहरों को मिलेगा मौका


भाजपा इस बार युवा और महिला उम्मीदवारों को अधिक अवसर देने की तैयारी में है। पार्टी का फोकस जीतने वाले उम्मीदवार की रणनीति पर है। यानी जिस उम्मीदवार की जनता के बीच लोकप्रियता है, वही टिकट पाएगा। इसके अलावा कुछ सीटों पर अदला-बदली भी हो सकती है - मतलब, जिन विधायकों का प्रदर्शन कमजोर रहा है, वहां किसी दूसरे क्षेत्र के प्रभावशाली नेता को उतारा जा सकता है।

भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही टिकट को लेकर अंतिम मुहर लगाने वाला है। पहले चरण में 6 से 7 नामों की सूची तैयार की जाएगी, फिर उसे घटाकर तीन तक सीमित किया जाएगा।

वहीं, बैठक के दौरान बागी और अनुशासनहीन नेताओं पर भी चर्चा हुई है। पार्टी ने साफ इशारा किया है कि ऐसे नेताओं को इस बार मौका नहीं मिलेगा। बताया जा रहा है कि अलीपुर के मिश्रा लाल यादव, नरकटियागंज की रश्मि वर्मा, रामनगर की भागीरथी देवी और लोरिया के विनय बिहारी जैसे कुछ विधायकों के टिकट कटने की संभावना है।

भाजपा ने राज्यभर में एक आंतरिक सर्वे कराया है, जिसमें सभी विधायकों का जनसंपर्क, कामकाज और छवि का मूल्यांकन किया गया है। पार्टी ने तय किया है कि टिकट उन्हीं को दिया जाएगा जिनकी रिपोर्ट मजबूत आई है। भाजपा चाहती है कि इस बार केवल 'विजेता उम्मीदवार' ही मैदान में उतरें।

टिकट के लिए आए सैकड़ों नाम

भाजपा के 52 संगठनात्मक जिलों से 500 से अधिक नाम टिकट के लिए आए हैं, जबकि 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने सीधे प्रदेश संगठन के सामने अपनी दावेदारी जताई है। कई सीटों पर 10 से ज्यादा दावेदार हैं। अब पार्टी इन नामों को छांटकर अंतिम सूची तैयार करेगी, जिस पर जल्द फैसला होगा।

चुनाव से पहले अंदरूनी मंथन

टिकट को लेकर भाजपा में चल रही हलचल यह दिखाती है कि पार्टी इस बार किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगी। भाजपा चाहती है कि हर सीट पर ऐसा चेहरा उतारा जाए जो जनता के बीच लोकप्रिय और मेहनती हो। हालांकि, टिकट कटने की अटकलों से कुछ विधायकों में नाराजगी भी बढ़ी है, जिसे संभालना पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।

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