'ये मोदी जी ही कर सकते हैं' जब गुजरात के CM नरेंद्र मोदी ने बचाई एक पत्रकार की जान, वो कहानी जो आज भी है अनसुनी

नेताओं के बारे में अक्सर कहा जाता है कि वे बड़े आयोजनों और भाषणों में चमकते हैं, लेकिन किसी का असली चरित्र तब सामने आता है, जब वह बिना दिखावे के किसी की मदद करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मेरे जीवन का एक ऐसा ही अनुभव आज भी मेरे दिल में बसा हुआ है

अपडेटेड Sep 17, 2025 पर 9:43 PM
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जब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने बचाई एक पत्रकार की जान, वो कहानी जो आज भी है अनसुनी

ये एक अनूठा किस्सा है, वर्ष 2004 का, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के मानवीय, संवेदनशील पहलू को दर्शाता है। कुछ समय पहले इसे किसी के साथ साझा किया था। मोदी जी के जन्मदिन के मौके पर आज आप भी इस किस्से को सुनें।

नेताओं के बारे में अक्सर कहा जाता है कि वे बड़े आयोजनों और भाषणों में चमकते हैं, लेकिन किसी का असली चरित्र तब सामने आता है, जब वह बिना दिखावे के किसी की मदद करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मेरे जीवन का एक ऐसा ही अनुभव आज भी मेरे दिल में बसा हुआ है।

साल 2004 में भारत उदय यात्रा के दौरान मुझे गुजरात के हिम्‍मतनगर शहर में हीटस्ट्रोक हो गया था, तब मोदी जी गुजरात के सीएम थे। मेरी हालत बेहद खराब थी, मेरे साथ कैमरामैन राममणि पांडे थे। मुझे पास के ही एक लॉज में ले गए, कमरे में लिटाया। लेकिन बुखार लगातार तेज होता जा रहा था, उल्टियां हो रही थीं और पेट में मरोड़ तेज।


उस समय शहर में लाल कृष्ण आडवाणी जी की सभा चल रही थी। मोदी जी भी उनके साथ मंच पर थे! लेकिन जैसे ही मोदी जी को मेरी तबीयत खराब होने के बारे में सूचना मिली, उन्होंने तुरंत मदद भेजी और मुझे समय रहते अस्पताल पहुंचाया गया। क्या हुआ, कैसे हुआ, इसका मुझे उस समय पता भी नहीं चला।

पूरे छह साल साल बाद प्रफुल पटेल से, 2010 में इसकी जानकारी मुझे इत्तेफाक से मिली, जब वे गुजरात के गृह राज्य मंत्री बन गए थे और फिलहाल दमन-दीव, दादरा नगर हवेली और लक्षद्वीप के प्रशासक हैं।

मुझे उनसे पता चला कि उस रात, मोदी जी के निर्देश पर ही, प्रफुल पटेल मुझे अपने कंधे पर उठाकर अस्पताल ले गए थे और तब तक मेरे सिरहाने बैठे रहे, जब तक मैं खतरे से बाहर नहीं आ गया। मोदी जी ने प्रफुलभाई को कह रखा था कि मेरा स्वास्थ्य ठीक होने के बाद ही वे अस्पताल से जाएं, वो भी रात कितनी ही क्यों न बीत गई हो, मोदी जी को फोन पर सूचित करके, मेरे स्वास्थ्य की सूचना देकर। इतनी चिंता और ध्यान रखना, अपनी तमाम प्रशासनिक और राजनीतिक व्यस्तताओं के बावजूद, ये मोदी जी ही कर सकते हैं!

सबसे बड़ी बात यह रही कि मोदी जी ने कभी इस घटना का जिक्र तक नहीं किया, जबकि 2010 से पहले कई बार उनसे मैं मिला। उनकी यही बात मेरे दिल को गहराई से छू गई। धन्यवाद, नरेंद्रभाई!

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Brajesh Kumar Singh

Brajesh Kumar Singh

First Published: Sep 17, 2025 9:22 PM

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