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Operation Sindhu: ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्रों को लेकर विमान दिल्ली पहुंचा, जम्मू-कश्मीर के 90 छात्र शामिल

Operation Sindhu: युद्ध ग्रस्त ईरान से लौटने वाले 110 लोगों में जम्मू-कश्मीर के 90 छात्र शामिल हैं। ईरान से उन्हें पहले आर्मेनिया और फिर दोहा ले जाया गया था। छात्र गुरुवार (19 जून) सुबह कतर की राजधानी दोहा से दिल्ली पहुंचे। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि छात्रों को डीलक्स बसों में दिल्ली से केंद्र शासित प्रदेश लाया जाएगा

अपडेटेड Jun 19, 2025 पर 11:00 AM
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Operation Sindhu: भारतीय छात्र गुरुवार (19 जून) सुबह कतर की राजधानी दोहा से दिल्ली पहुंचे

Operation Sindhu: युद्ध ग्रस्त ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्रों को लेकर पहला विमान दिल्ली पहुंच गया है। ईरान से लौटने वाले 110 लोगों में जम्मू-कश्मीर के 90 छात्र शामिल हैं। ईरान से उन्हें पहले आर्मेनिया और फिर दोहा ले जाया गया था। छात्र गुरुवार सुबह कतर की राजधानी दोहा से दिल्ली पहुंचे। भारतीय छात्रों ने वहां के हालात को याद किया और घर वापसी के खातिर त्वरित कदम उठाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत तेहरान से भारतीय छात्रों को निकाला गया। भारतीय दूतावास ने मंगलवार को 110 छात्रों को सुरक्षित रूप से आर्मेनिया में प्रवेश कराने में सहायता की। इसके बाद उन्हें दिल्ली लाया गया।

दिल्ली पहुंचे छात्रों में शामिल कश्मीर की छात्रा वर्ता ने कहा, "हम पहले हैं जिन्हें ईरान से निकाला गया है। स्थिति काफी गंभीर थी। हम डरे हुए थे। हम भारतीय सरकार और भारतीय दूतावास का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने हमें यहां लाने के लिए बहुत तेजी से काम किया।" उन्होंने पीटीआई से कहा, "हमारे पड़ोस में ही हमला हुआ था। जब भारत सरकार से संपर्क हुआ तो हमने राहत की सांस ली।"

उन्होंने कहा कि आर्मेनियाई अधिकारियों ने भी काफी मदद की। दिल्ली पहुंचे एमबीबीएस छात्र मीर खलीफ ने कहा कि ईरान में स्थिति तनावपूर्ण है। उन्होंने कहा, "हमने मिसाइल गिरती हुई देखीं। युद्ध जारी था। हमारे पड़ोस में बमबारी की गई। हम बेहद डर गए थे। मुझे उम्मीद है कि हमें ऐसे दिन फिर कभी नहीं देखने पड़ेंगे।" खलीफ ने पहले उन्हें आर्मेनिया पहुंचाने और फिर घर वापसी के लिए भारतीय सरकार को धन्यवाद दिया।


उन्होंने कहा, "ईरान में अभी भी छात्र फंसे हैं। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। हमें उम्मीद है कि उन्हें भी जल्द ही भारत लाया जाएगा।" एक अन्य भारतीय छात्र अली अकबर ने कहा कि जब वे बस में यात्रा कर रहे थे तभी एक मिसाइल और एक ड्रोन को गिरते देखा। दिल्ली के छात्र ने कहा, "खबरों में जो स्थिति दिखाई गई है, वह सही है। हालात बेहद खराब हैं। तेहरान बर्बाद हो गया है।"

कुछ छात्रों के अभिभावक अपने बच्चों के लिए एयरपोर्ट के बाहर उत्सुकता से इंतजार करते दिखे। ईरान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र 21 वर्षीय माज हैदर के पिता हैदर अली ने छात्रों की घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया।

अधिकारियों से तेहरान में फंसे और भी छात्रों को निकालने का आग्रह करते हुए उन्होंने पीटीआई से कहा, "हम वाकई बहुत खुश हैं। छात्रों को सुरक्षित वापस घर लाया गया। हम इसके लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा करते हैं। लेकिन हमें दुख है कि अब भी तेहरान में फंसे अन्य छात्रों को नहीं निकाला जा सका है।"

समीर आलम के पिता परवेज आलम भी एयरपोर्ट पर अपने बेटे का इंतजार करते देखे गए। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने निकासी अभियान शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को धन्यवाद दिया। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, "हमें उम्मीद है कि शेष सभी छात्रों को जल्द ही निकाल लिया जाएगा।"

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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि ईरान से लौटे छात्रों को डीलक्स बसों में दिल्ली से केंद्र शासित प्रदेश लाया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने X पर एक पोस्ट में कहा कि रेजिडेंट कमिश्नर को छात्रों को लाने के लिए जम्मू-कश्मीर सड़क परिवहन निगम की डीलक्स बसों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। CMO ने कहा, "मुख्यमंत्री ने दिल्ली से जम्मू-कश्मीर लाने के लिए व्यवस्थित बसों की गुणवत्ता के बारे में छात्रों के अनुरोध पर ध्यान दिया है।"

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