प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (28 सितंबर, 2025) को अपने मासिक ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में कहा कि सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर लिस्ट सूची में शामिल कराने के लिए प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि छठ केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था, अनुशासन और लोक परंपरा का अद्भुत संगम है। उन्होंने विश्वास जताया कि जब यह त्योहार यूनेस्को की सूची में शामिल होगा, तो दुनिया के हर कोने में लोग इसकी भव्यता और दिव्यता को जान पाएंगे और भारत की इस अनूठी परंपरा से जुड़ सकेंगे।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी याद दिलाया कि सरकार की कोशिशों से पहले ही कोलकाता की दुर्गा पूजा को इस सूची में स्थान मिल चुका है। उन्होंने कहा कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत और लोक परंपराओं की वैश्विक पहचान को मजबूत करने वाला कदम है।
पीएम मोदी ने कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि भारत सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कराने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने इसे भारत की संस्कृति और परंपरा को दुनिया के सामने रखने का एक अहम कदम बताया। पीएम मोदी ने कहा, “हमारे त्योहार और उत्सव भारत की संस्कृति को जीवित रखते हैं। छठ पूजा दिवाली के बाद आने वाला एक पवित्र त्योहार है, जो सूर्य देव को समर्पित है। इसमें हम उगते और डूबते दोनों सूर्यों को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह त्योहार हमारी आस्था और अनुशासन का प्रतीक है।”
उन्होंने आगे कहा कि छठ पूजा अब केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में इसकी भव्यता और दिव्यता देखी जाती है। यह धीरे-धीरे एक वैश्विक त्योहार का रूप ले रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी जोड़ा कि सरकार पहले भी ऐसे कदम उठा चुकी है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कुछ समय पहले कोलकाता की दुर्गा पूजा को भी यूनेस्को की सूची में शामिल कराया गया था।
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