बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नज़दीक आते ही राज्य की राजनीति और गरमा गई है। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) और नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के बीच विवाद लगातार गहराता जा रहा है। आरोप-प्रत्यारोप की यह जंग अब खुलेआम मीडिया के सामने जारी है। प्रशांत किशोर ने सोमवार (29 सितंबर) पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान JDU मंत्री अशोक चौधरी को सीधा अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि सात दिनों के अंदर मानहानि का नोटिस वापस ले, नहीं तो वे 500 करोड़ रुपये की संपत्ति का और नया खुलासा करेंगे।
प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अशोक चौधरी पर फिर से हमला बोला और कहा कि वे टेंडर से 5 फीसदी कमीशन लेकर भारी संपत्ति अर्जित किए है। उन्होंने दावा किया कि चौधरी की संपत्ति 500 करोड़ रुपये से भी अधिक है। PK ने कहा - “अशोक चौधरी ने मुझे 100 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा है। अगर उन्होंने सात दिन में इसे वापस नहीं लिया तो मैं 500 करोड़ की संपत्ति के कागजात पेश करूंगा।”
PK ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले जो आरोप लगाए थे, वे पूरी तरह सही हैं। "अशोक चौधरी कैमरे के सामने कहें है कि अगर एक कट्ठा भी उनकी बेनामी जमीन निकल आए तो वे जन सुराज की गुलामी करेंगे, अब हमारे पास सबूत हैं कि यह संपत्ति उन्हीं की है, आप जनसुराज की नहीं, बल्कि जनता की गुलामी करें। अगर ऐसा है तो इस्तीफा दीजिए, नहीं तो आपका घेराव होगा और राजनीति करने नहीं देंगे।"
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले पर कार्रवाई नहीं करते, तो वे राज्यपाल से मिलेंगे और अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे। पीके ने आगे कहा कि पिछले आठ महीनों में 20,000 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट दिए गए हैं, जिनसे 5 फीसदी कमीशन लिया गया है। उन्होंने धमकी दी कि अगर अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस तक नोटिस वापस नहीं लिया गया, तो उन लोगों को सामने लाकर मीडिया से मिलवाया जाएगा जिनके जरिए यह पैसा वसूला गया है।
बता दे कि इससे पहले पीके ने मंत्री अशोक चौधरी और उनकी फैमिली पर 200 करोड़ की संपत्ति जुटाने का आरोप लगाया था। इस पर चौधरी ने उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा था। अब मामला और तूल पकड़ चुका है।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप का सीधा असर बिहार विधानसभा चुनावों पर पड़ेगा। महागठबंधन और जन सुराज लगातार नीतीश सरकार और NDA नेताओं पर हमला बोल रहे हैं। वहीं, BJP और JDU का कहना है कि प्रशांत किशोर सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए ऐसे आरोप लगा रहे हैं।
बिहार की सियासत में भ्रष्टाचार का मुद्दा हमेशा अहम रहा है। अब चुनाव से ठीक पहले अशोक चौधरी पर लगे गंभीर आरोप और पीके का 500 करोड़ की संपत्ति का खुलासा करने की धमकी निश्चित रूप से विपक्ष के लिए बड़ा हथियार बन सकता है।