भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता कराने और "परमाणु युद्ध" को टालने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों के बीच, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को विदेश मामलों की स्थायी समिति के सदस्यों को बताया कि पाकिस्तान की ओर से किसी भी परमाणु हमले का कोई संकेत नहीं है और संघर्ष विराम बातचीत के दौरान अमेरिका कहीं भी नहीं था। CNN-News18 ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि समिति को बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच केवल एक पारंपरिक लड़ाई थी और अमेरिका के दावे के उलट किसी भी परमाणु हमले का कोई संकेत नहीं था।
मिस्री ने समिति को बताया कि युद्ध विराम का अनुरोध इस्लामाबाद की ओर से आया, खासतौर से पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) की ओर से, जिन्होंने दिल्ली में अपने समकक्ष से संपर्क किया। समिति को बताया गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कोई अमेरिकी हस्तक्षेप नहीं था।’
इस सवाल पर कि क्या भारत-पाकिस्तान मामलों में ट्रंप की भागीदारी पर भारत का कोई प्रभाव है, विदेश सचिव ने चुटकी लेते हुए कहा, "वह निश्चित रूप से मेरी मंजूरी नहीं मांग रहे हैं।"
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में 7 मई की सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए थे। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
भारत के एक्शन के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर भीषण जवाबी हमला किया। बाद में 10 मई को युद्ध विराम की घोषणा की गई।
ट्रंप ने युद्ध विराम समझौते का श्रेय लिया
अमेरिकी राष्ट्रपति हर जगह दोहराते रहे हैं कि उन्होंने न केवल भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम करवाया, बल्कि ‘परमाणु संघर्ष’ को भी टाला।
पिछले हफ्ते भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम के तुरंत बाद ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की है। ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने कहा था, "अमेरिका की मध्यस्थता में एक लंबी रात की बातचीत के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। दोनों देशों को सामान्य ज्ञान और बेहतरीन खुफिया जानकारी का इस्तेमाल करने के लिए बधाई। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद!"
उन्होंने युद्ध विराम को एक बड़ी कूटनीतिक सफलता के रूप में भी पेश किया था, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने संभावित परमाणु युद्ध को रोक दिया है और यहां तक कि भारत और पाकिस्तान के नेताओं के शांति से एक साथ खाना खाने की कल्पना भी की थी।
भारत ने ट्रंप के दावे को खारिज किया
भारत ने पिछले हफ्ते उनके दावों का छह बिंदुओं पर कड़ा खंडन किया था, यहां तक कि उन घटनाक्रमों का भी जिक्र किया था, जिसके चलते दोनों DGMO ने फोन पर बात की और दुश्मनी खत्म करने पर सहमति जताई।
विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि युद्ध विराम भारत और पाकिस्तान के मिलिट्री ऑपरेशनल DG के बीच मिलिट्री-टू-मिलिट्री चैनलों के जरिए सीधे तौर पर हासिल किया गया था, जिसमें अमेरिका सहित किसी तीसरे पक्ष की कोई भागीदारी नहीं थी।