Opposition Sindoor Debate: '22 अप्रैल से 17 जून तक पीएम मोदी और ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई'; लोकसभा में बोले विदेश मंत्री जयशंकर

Opposition Sindoor Debate: 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने सोमवार (28 जुलाई) को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने कुछ नहीं किया, वे बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने वाली सरकार पर सवाल उठाने की हिम्मत कर रहे हैं

अपडेटेड Jul 28, 2025 पर 7:40 PM
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Opposition Sindoor Debate: ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए जयशंकर ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा

Opposition Sindoor Debate in Parliament: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (28 जुलाई) को संसद को बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के समय अमेरिका के साथ बातचीत में व्यापार का कोई जिक्र नहीं हुआ था। साथ ही विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि 22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर कोई बातचीत नहीं हुई। 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान विपक्ष को जवाब देते हुए जयशंकर ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कुछ नहीं किया, वे पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने वाली सरकार पर सवाल उठाने की हिम्मत कर रहे हैं।

जयशंकर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विपक्ष लगा रहा है कि भारत ने ट्रंप के दबाव में पाकिस्तान के साथ सीजफायर किया। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर को तीनों सेनाओं के समन्वय का बेमिसाल उदाहरण बताते हुए कहा कि यह कहना गलत और निराधार है कि इस अभियान को किसी दबाव में आकर रोका गया था। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि उसकी कुछ गलतफहमी बची रह गई है तो उसे भी दूर कर दिया जाएगा।


जयशंकर ने कहा, "हमारी कूटनीति का केंद्र बिंदु संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद था। हमारे लिए चुनौती यह थी कि इस विशेष समय में पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का सदस्य है और हम नहीं। सुरक्षा परिषद में हमारे दो लक्ष्य थे। 1- सुरक्षा परिषद से जवाबदेही की आवश्यकता का समर्थन प्राप्त करना, और 2- इस हमले को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाना। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि अगर आप 25 अप्रैल के सुरक्षा परिषद के बयान को देखें, तो सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी।"

विदेश मंत्री ने आगे कहा, "उन्होंने पुष्टि की है कि आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। और सबसे महत्वपूर्ण बात, परिषद ने आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों, फंडिंग करने वालों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता पर जोर दिया।"

लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "मुझे इस बात पर आपत्ति है कि उन्हें (विपक्ष को) एक भारतीय विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है बल्कि किसी और देश पर भरोसा है। मैं उनकी पार्टी में विदेशी का महत्व समझ सकता हूं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी पार्टी की सभी बातें यहां सदन में थोपी जाएं। यही कारण है कि वे वहां (विपक्षी बेंचों पर) बैठे हैं और अगले 20 वर्षों तक वहीं बैठेने वाले हैं।"

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अमित शाह ने आगे कहा, "जब उनके अध्यक्ष बोल रहे थे, तो हम उन्हें धैर्यपूर्वक सुन रहे थे। मैं आपको कल बताऊंगा कि उन्होंने कितने झूठ बोले हैं। अब वे सच नहीं सुन पा रहे हैं। जब इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा हो रही हो तो सरकार के प्रमुख विभाग के मंत्री को बोलते हुए टोकना क्या ये विपक्ष को शोभा देता है? अध्यक्ष जी आप उन्हें समझाइए, वरना हम भी बाद में अपने सदस्यों को कुछ नहीं समझा पाएंगे।"

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Jul 28, 2025 7:24 PM

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