Pahalgam Attack: सेना को पूरी छूट देने के बाद PM मोदी ने अमित शाह और मोहन भागवत से की मुलाकात

Pahalgam Terror Attack: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सशस्त्र बलों को पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने की “पूरी अभियानगत छूट” है। मोदी ने यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह टिप्पणी की

अपडेटेड Apr 29, 2025 पर 8:18 PM
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Pahalgam Attack: सेना को पूरी छूट देने के बाद PM मोदी ने अमित शाह और मोहन भागवत से की मुलाकात

पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार पर टिकी हैं, वो क्या एक्शन लेगी। इसी कड़ी में मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर लगातार एक के बाद हाई लेवल मीटिंग हुई हैं। मंगलवार देर शाम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत प्रधानमंत्री आवास पर नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने पहुंचे। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी 7 लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री मोदी से मिलने उनके आधिकारिक आवास पर पहुंचे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सशस्त्र बलों को पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने की “पूरी अभियानगत छूट” है।

मोदी ने यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह टिप्पणी की।


न्यूज एजेंसी PTI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया, बैठक में मोदी ने कहा, "आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है"। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों की क्षमता में पूर्ण विश्वास जताया।

एक सूत्र ने मोदी के हवाले से कहा, “उन्हें (सशस्त्र बलों को) हमारी जवाबी कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय के बारे में फैसला लेने की पूरी अभियानगत छूट है।”

इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान भी शामिल हुए। यह बैठक पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा उठाए जाने वाले संभावित कदमों पर विचार किए जाने के बीच हुई।

पहलगाम के लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले में शामिल आतंकवादियों और उनके आकाओं का “पृथ्वी के आखिरी छोर तक” पीछा करने और उन्हें “उनकी कल्पना से परे” कड़ी से कड़ी सजा देने का आह्वान किया है।

पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर पिछले कई वर्षों में हुआ सबसे घातक हमला है, जिसे लेकर पूरे देश में आक्रोश की लहर है और हमलावरों तथा उनके आकाओं के खिलाफ कठोर जवाबी कार्रवाई की मांग उठ रही है।

प्रधानमंत्री की कठोर टिप्पणियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर उनकी सरकार के कड़े रुख के कारण भारत की ओर से करारी जवाबी कार्रवाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

मोदी सरकार ने 2016 में उरी में सेना के जवानों पर आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के अंदर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की थी। उसने पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले को निशाना बनाए जाने के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमला किया था।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जिनमें पड़ोसी देश के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल है।

सूत्रों ने बताया कि इससे पहले दिन में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख और दो अन्य सुरक्षा संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे।

बैठक के एजेंडे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।

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Shubham Sharma

Shubham Sharma

First Published: Apr 29, 2025 8:15 PM

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