‘स्थानीय लोग भी नहीं आ रहे…’: आतंकी हमले के एक महीने बाद क्या है पहलगाम की स्थिति?

Pahalgam Terrorist Attack: एक टूर ऑपरेटर, नासिर अहमद ने बताया कि एक महीने बाद भी यह जगह वीरान दिखती है। अहमद ने बताया कि पहलगाम का रिसॉर्ट शहर 1990 के दशक के उग्रवाद के चरम पर भी इतना वीरान नहीं था

अपडेटेड May 22, 2025 पर 10:18 PM
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22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर भयानक आतंकवादी हमला हुआ। उस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। इस हमले ने कश्मीर के पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ा झटका दिया। इस घटना को एक महीने हो गए है। हमले के एक महीने बाद भी पहलगाम सुनसान पड़ा हुआ है। पर्यटक वहां नहीं जा रहे है। पर्यटकों के नहीं जाने से स्थानीय लोगों और छोटे व्यापारियों को उनकी आजीविका चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

'कभी भी इतना वीरान नहीं हुआ था पहलगाम'

एक टूर ऑपरेटर, नासिर अहमद ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि एक महीने बाद भी यह जगह वीरान दिखती है। अहमद ने कहा, 'पहलगाम में हर दिन हजारों पर्यटक आते थे, जिससे दुकानदारों, सड़क किनारे सामान बेचने वालों, टट्टूवालों, टैक्सी चालकों और होटल व्यवसायियों को आजीविका के अवसर मिलते थे।' उन्होंने आगे कहा कि पहलगाम का रिसॉर्ट शहर 1990 के दशक के उग्रवाद के चरम पर भी इतना वीरान नहीं था। उन्होंने कहा, 'हम स्थानीय आगंतुकों (कश्मीरियों) की मेजबानी करते थे और इससे सबसे बुरे समय में भी अर्थव्यवस्था को सहारा मिलता था। हालांकि, इस बार स्थानीय आगंतुक भी नहीं आ रहे हैं।'

स्थानीय व्यवसायी मोहम्मद अशरफ ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'मेरा मुख्य व्यवसाय वाहनों से जुड़ा है, जो पर्यटन से जुड़ा है। पहलगाम में पर्यटकों की हत्या हुए एक महीना हो गया है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। उन आतंकवादियों ने जो किया वह नहीं होना चाहिए था। उस दिन से पहलगाम सुनसान है। हमारे पास ये सभी वाहन हैं, लेकिन उन्हें किराए पर लेने वाला कोई नहीं है। फिर भी, हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में या अगले साल पर्यटन फिर से फलेगा-फूलेगा। हमें सरकार पर 100% भरोसा है कि चीजें एक बार फिर बेहतर होंगी.

उन्होंने आगे कहा, अब हम अमरनाथ यात्रा पर अपनी उम्मीदें टिकाए हुए हैं, जिससे हमें थोड़ी कमाई हो जाएगी। अभी, कोई पर्यटक नहीं है...मैं 55 साल का हूँ, मैंने आतंकवाद देखा है। लेकिन यह पहली बार है जब पहलगाम में हमला हुआ है. यह हमारा दुर्भाग्य था। ऐसा नहीं होना चाहिए था।'

22 अप्रैल को क्या हुआ था?


22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया। यह जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़े हमलों में से एक था। इसमें लश्कर से जुड़े चार से पांच आतंकवादी पहलगाम के बैसरन घास के मैदानों में आए और पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें विदेशी पर्यटकों सहित 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। लश्कर की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली, हालांकि बाद में वैश्विक स्तर पर भारी आक्रोश के बाद इसने अपना बयान वापस ले लिया।

भारत ने चलाया ‘ऑपरेशन सिंदूर’

भारत ने पहलगाम में हुए क्रूर हमले का जवाब 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत दिया। भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान और POK में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया। भारतीय सशस्त्र बलों ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी समूहों के कई शिविरों को नष्ट कर दिया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। सेना के अधिकारियों ने बताया कि आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए विभिन्न अभियानों में कई शीर्ष आतंकवादी मारे गए हैं, हालांकि पहलगाम नरसंहार को अंजाम देने वाले आतंकवादी सुरक्षा बलों की पकड़ से बाहर हैं।

Abhishek Gupta

Abhishek Gupta

First Published: May 22, 2025 10:18 PM

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