इंडिया ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। इसका मतलब है कि वह इंडिया पर हमला करेगा। सवाल है कि पाकिस्तान इंडिया को कितना नुकसान पहुंचा सकता है? युद्ध लड़ने के लिए पैसा चाहिए, जो पाकिस्तान के पास नहीं है। दुनिया जानती है कि पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था किस मुश्किल से गुजर रही है। अगर इंडिया की इकोनॉमी से तुलना की जाए तो पाक की अर्थव्यवस्था कहीं नहीं ठहरती है। डेटा बताते हैं कि पाकिस्तान की इकोनॉमी कितनी कमजोर हालत में है।
पाकिस्तान के मुकाबले इंडिया की इकोनॉमी 10 गुनी
इंडिया की इकोनॉमी 2023 में पाकिस्तान की इकोनॉमी (Economy of Pakistan) के मुकाबले 10 गुना थी। इंडिया में प्रति व्यक्ति आय पाकिस्तान के मुकाबले दोगुना है। शुरुआत से ही इंडिया की इकोनॉमी पाकिस्तान के मुकाबले बड़ी रही है, लेकिन पिछले 25 सालों में दोनों देशों की इकोनॉमी की ग्रोथ की रफ्तार घटती-बढ़ती है। 1975 में इंडिया की इकोनॉमी 98 अरब डॉलर की थी। यह पाकिस्तान की इकोनॉमी के मुकाबले 9 गुना है। लेकिन, बाद के सालों में यह फर्क घटा। 2000 में पाकिस्तान की इकोनॉमी (469 अरब डॉलर) इंडिया की इकोनॉमी की एक-चौथाई हो गई।
2000 से इंडिया की इकोनॉमी ने पकड़ी रफ्तार
साल 2000 से इंडिया की इकोनॉमी ने रफ्तार पकड़नी शुरू की। 2004 में यह पाकिस्तान की इकोनॉमी की 5.6 गुना हो गई। 2009 तक यह 7.2 गुना हो गई। 2019 में यह 8.8 गुना हो गई। यह जानकारी वर्ल्ड बैंक के डेटा पर आधारित है। अगर प्रति व्यक्ति आय की बात की जाए तो तस्वीर थोड़ी अलग दिखती है। 1993 में पर्चेजिंग पावर पैरिटी (PPP) में पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति आय इंडिया के मुकाबले 50 फीसदी ज्यादा थी। 2007 तक इंडिया इस मामले में बराबरी पर आ गया। 2023 में पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति आय 5,439 पीपीपी डॉलर थी, जो इंडिया के मुकाबले करीब आधा है।
इंडिया का विदेश व्यापार पाक के मुकाबले 17 गुना
एक्सपर्ट्स का कहना है कि 1991 में आर्थिक सुधारों के बाद इंडियन इकोनॉमी ने रफ्तार पकड़ी। इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। 1992 तक इंडिया का एक्सपोर्ट पाकिस्तान के मुकाबले तीन गुना था। 2003 तक यह बढ़कर 6.6 गुना हो गया। 2023 में यह 22 गुना हो गया। इंडिया का कुल विदेश व्यापार (एक्सपोर्ट और इंपोर्ट) 2023 में पाकिस्तान के मुकाबले 17 गुना था। इससे पता चलता है कि व्यापार के मामले में इंडिया कितनी मजबूत स्थिति में है।
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युद्ध लड़ने के लिए पाकिस्तान कौन पैसा देगा?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि युद्ध लड़ने के लिए काफी पैसा चाहिए। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही आईएमएफ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की आर्थिक मदद के भरोसे चल रही है। IMF जैसे देश इकोनॉमी को डूबने से बचाने के लिए तो आर्थिक मदद देते हैं, लेकिन युद्ध लड़ने के लिए कभी मदद नहीं देते हैं। ऐसे में पाकिस्तान के सामने चीन और तुर्की जैसे मित्र देशों से कर्ज लेने का विकल्प है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन जैसा देश उस देश की आर्थिक मदद करने के लिए शायद ही तैयार होगा, जिसका भविष्य अधर में है।