Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट (UN) में एक बार फिर पाकिस्तान की कलई खोल दी है। भारत ने पाकिस्तान को एक "दुष्ट देश" करार दिया है, जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देता है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र में शांति को अस्थिर करता है। संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के कबूलनामे पर सवाल उठाया जिसमें इस्लामाबाद ने आतंकवादियों को ट्रेनिंग और धन मुहैया कराने का इतिहास बताया है। भारत ने कहा कि यह आश्चर्यजनक नहीं है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
पटेल ने कहा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक इंटरव्यू के दौरान आतंकवाद का समर्थन करने और उसकी फंडिंग करने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि किस तरह आसिफ ने आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने, उन्हें ट्रेनिंग देने और फंडिंग देने की बात स्वीकार की है।
उन्होंने कहा कि ख्वाजा आसिफ के इस कुबूलनामे पर भारत या दुनिया में किसी को भी आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला और क्षेत्र को अस्थिर करने वाला एक दुष्ट राष्ट्र है। दुनिया अब इस खतरे से और आंखें नहीं मूंद सकता है।
उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विशेष प्रतिनिधिमंडल ने इस मंच का दुरुपयोग करने और इसे कमजोर करने, दुष्प्रचार करने और भारत के खिलाफ निराधार आरोप लगाने का विकल्प चुना है। पूरी दुनिया ने हाल ही में एक टेलीविजन इंटरव्यू में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को आतंकवादी संगठनों को समर्थन, ट्रेनिंग और धन मुहैया कराने के पाकिस्तान के इतिहास को स्वीकार करते हुए सुना है।"
पटेल ने कहा, "इस खुले कबूलनामे से किसी को आश्चर्य नहीं हुआ और पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले और क्षेत्र को अस्थिर करने वाले दुष्ट देश के रूप में उजागर किया गया है।" पटेल ने आगे कहा कि दुनिया आंखें मूंदकर नहीं बैठ सकती। उन्होंने आतंकवाद के पीड़ितों के संगठन नेटवर्क (VOTAN) के शुभारंभ के दौरान यह टिप्पणी की, जो आतंकवाद के पीड़ितों और बचे लोगों के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई एक पहल है। साथ ही उन्हें वकील और शांति निर्माता के रूप में सेवा करने के लिए सशक्त बनाती है।
भारत सरकार ने पहलगाम हमले के तार सीमा पार से जुड़े होने के मद्देनजर पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार (अताशे) को निष्कासित करने, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी सीमा को तत्काल बंद करने सहित कई कदमों की बुधवार को घोषणा की थी।
भारत ने अटारी सीमा के माध्यम से देश में प्रवेश करने वाले सभी पाकिस्तानियों से एक मई तक देश छोड़ने को कहा है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने सभी भारतीय विमानन कंपनियों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने का फैसला किया। साथ ही भारत के साथ व्यापार को स्थगित कर दिया।
पाकिस्तान ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले को भी खारिज कर दिया। उसने कहा कि संधि के तहत पाकिस्तान के जल प्रवाह को रोकने के किसी भी कदम को युद्ध की कार्रवाई के रूप में देखा जाएगा।
पहलगाम हमले को लेकर देशभर में गुस्से के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत पहलगाम हमले में शामिल हर आतंकवादी और इसकी साजिश में शामिल रहे लोगों की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें उनकी कल्पना से बड़ी सजा देगा।