'सीमा एक दुश्मन तीन' ऑपरेशन सिंदूर में सामने से लड़ रहा था पाकिस्तान, चीन दे रहा था भारत के ठिकानों की लोकेशन

Operation Sindoor: लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, "तुर्की ने भी जिस प्रकार का समर्थन प्रदान किया, उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई... जब डीजीएमओ स्तर की वार्ता चल रही थी, तो पाकिस्तान को चीन से हमारे महत्वपूर्ण वैक्टरों की लाइव अपडेट मिल रही थी... हमें एक मजबूत वायु रक्षा प्रणाली की आवश्यकता है

अपडेटेड Jul 04, 2025 पर 5:34 PM
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भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (कैपेबिलिटी डेवलपमेंट एंड सस्टेनेंस) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह

भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान भारत के साथ लड़ रहा था, लेकिन चीन उसे "हर संभव मदद" दे रहा था। अधिकारी ने बीजिंग-इस्लामाबाद गठजोड़ को उजागर किया। भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (कैपेबिलिटी डेवलपमेंट एंड सस्टेनेंस) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने कहा कि जब चार दिन (7 से 10 मई) के संघर्ष के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच DGMO लेवल की बातचीत चल रही थी, तो चीन ने पाकिस्तान को भारत के अहम इलाकों की "लाइव अपडेट" शेयर की थी।

चीन को बेनकाब करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश “अपने हथियारों का टेस्ट दूसरे हथियारों के खिलाफ करता है” और इसलिए पाकिस्तान चीन की सेना के लिए “लाइव लैब” की भूमिका निभाता है।

उन्होंने देश की राजधानी फिक्की के ‘न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज’ प्रोग्राम को संबोधित करते हुए ये बात कही।


न्यूज एजेंसी ANI ने अधिकारी के हवाले से कहा, "पूरे ऑपरेशन के दौरान एयर डिफेंस और उसका ऑपरेशन कैसे किया गया, यह महत्वपूर्ण था... इस बार, हमारी आम आबादी वाली जगहों को ज्यादा टारगेट नहीं बनाया गया, लेकिन अगली बार, हमें इसके लिए तैयार रहना होगा... हमारे पास एक सीमा और दो दुश्मन थे, असल में तीन। पाकिस्तान सबसे आगे था। चीन हर संभव मदद दे रहा था। पाकिस्तान के पास 81% मिलिट्री हार्डवेयर चाइनीज है... चीन अपने हथियारों का टेस्ट दूसरे हथियारों के खिलाफ करता है, इसलिए यह उनके लिए एक लाइव लैब की तरह है।"

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में निभाई गई भूमिका के लिए तुर्की का भी जिक्र किया।

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, "तुर्की ने भी जिस प्रकार का समर्थन प्रदान किया, उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई... जब डीजीएमओ स्तर की वार्ता चल रही थी, तो पाकिस्तान को चीन से हमारे महत्वपूर्ण वैक्टरों की लाइव अपडेट मिल रही थी... हमें एक मजबूत वायु रक्षा प्रणाली की आवश्यकता है।"

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा, "तुर्की ने भी जिस तरह का सपोर्ट किया, उसमें अहम भूमिका निभाई... जब DGMO लेवल की बातचीत चल रही थी, तो पाकिस्तान को चीन से हमारे अहम वैक्टर्स की लाइव अपडेट मिल रही थी... हमें एक मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है।"

तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन मुहैया कराए थे, जिनका इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय शहरों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया गया था। भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने मिसाइलों सहित आने वाले ज्यादातर प्रोजेक्टाइल को मार गिराया था, जिससे किसी भी तरह का नुकसान होने से बचा जा सका।

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर से भी कुछ सबक लिए। उन्होंने कहा कि भारत को हमेशा ही सबसे आगे रहना चाहिए, लेकिन जब सैन्य लक्ष्य हासिल हो जाए, तो उसे रोक देना चाहिए।

उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर से कुछ सबक मिले हैं। नेतृत्व की तरफ से दिया गया रणनीतिक संदेश स्पष्ट था... कुछ साल पहले की तरह दर्द को सहने की कोई गुंजाइश नहीं है... लक्ष्यों की योजना और चयन बहुत सारे डेटा पर आधारित था, जिसे प्रौद्योगिकी और मानव खुफिया जानकारी का इस्तेमाल करके एकत्र किया गया था। इसलिए कुल 21 लक्ष्यों की पहचान की गई, जिनमें से नौ लक्ष्यों पर हमने सोचा कि उन्हें निशाना बनाना समझदारी होगी... यह केवल अंतिम दिन या अंतिम घंटा था जब निर्णय लिया गया कि इन नौ लक्ष्यों पर हमला किया जाएगा। एक सुविचारित निर्णय लिया गया कि यह सही संदेश भेजने के लिए तीनों सेवाओं का दृष्टिकोण होगा कि हम वास्तव में एक एकीकृत बल हैं।"

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First Published: Jul 04, 2025 5:29 PM

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