Panchmahal Ropeway collapsed: गुजरात के पंचमहल में बड़ा हादसा, रोपवे टूटने से 6 की मौत

Panchmahal Ropeway collapsed: पुलिस ने बताया कि खराब मौसम की वजह से यात्रियों को ले जाने वाला रोपवे बंद था, लेकिन मंदिर से जुड़े निर्माण कामों के लिए मालवाहक रोपवे चल रहा था। हादसे के बाद पंचमहल जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है

अपडेटेड Sep 06, 2025 पर 7:59 PM
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गुजरात के पंचमहल जिले में शनिवार दोपहर एक बड़ा हादसा हो गया।

गुजरात के पंचमहल ज़िले में शनिवार दोपहर एक बड़ा हादसा हो गया। पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित शक्तिपीठ में के लिए सामान ले जाने वाला एक रोपवे ट्रॉली अचानक टूटकर नीचे गिर गई। इस दुर्घटना में छह लोगों की मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, हादसा करीब दोपहर 3:30 बजे चौथे टावर के पास हुआ, जब ट्रॉली का केबल टूट गया। गोधरा-पंचमहल रेंज के आईजी रवींद्र असारी ने बताया कि मृतकों में तीन स्थानीय लोग शामिल हैं, जबकि दो कश्मीर और एक राजस्थान का निवासी है। फिलहाल हादसे के असली कारणों की जांच की जा रही है।

हादसे में 6 लोगों की गई जान

पुलिस ने हादसे में मारे गए लोगों की पहचान कर ली है और सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, मृतकों में राजस्थान के गीतावास निवासी अन्नाजी उर्फ भैरवलाल रतिलाल जाट शामिल हैं, जो एक होटल में काम करते थे। जम्मू-कश्मीर के राजौरी के मोहम्मद अनवर महमद शरीफखान और बलवंत सिंह धनीराम रोपवे ऑपरेटर के रूप में कार्यरत थे। दिलीप सिंह नरवत सिंह कोली मंदिर की सुरक्षा में तैनात थे। हितेशभाई हसमुखभाई बारिया मंदिर के भोजनालय में काम करते थे, जबकि सुरेशभाई रायजीभाई कोली फूलों का कारोबार करते थे।

हादसे की बड़ी वजह आई सामने 

पुलिस ने बताया कि खराब मौसम की वजह से यात्रियों को ले जाने वाला रोपवे बंद था, लेकिन मंदिर से जुड़े निर्माण कामों के लिए मालवाहक रोपवे चल रहा था। हादसे के बाद पंचमहल जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। इसमें रस्सी टूटने के कारणों के साथ-साथ सिस्टम की देखरेख और सुरक्षा मानकों की भी समीक्षा की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यह भी जांचा जा रहा है कि कहीं ट्रॉली में उसकी क्षमता से ज़्यादा सामान तो नहीं लादा गया था या नियमित जांच में कोई लापरवाही तो नहीं हुई थी।


करीब 40 साल हुई थी शुरुआत

पावागढ़ रोपवे की शुरुआत 1986 में हुई थी। यह मोनो-केबल गोंडोला सिस्टम है, जो श्रद्धालुओं को बेस स्टेशन से सीधे कालिका माता मंदिर तक ले जाता है। यह मंदिर चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क के भीतर स्थित है, जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है। इस समय यहा सुविधाओं के आधुनिकीकरण और तीर्थयात्रियों की सहूलियत बढ़ाने के लिए निर्माण कार्य चल रहा था।

MoneyControl News

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First Published: Sep 06, 2025 7:51 PM

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