Parliament Monsoon Session 2025: संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने CNN-न्यूज18 से बातचीत में बताया कि सत्र के दौरान 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा होगी। रिजिजू ने कहा, "हर सत्र खास होता है और हम ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।" तीन महीने से अधिक के अंतराल के बाद संसद के दोनों सदन 21 जुलाई को सुबह 11 बजे बुलाए जाएंगे।
संसद का बजट सत्र इस साल 31 जनवरी को शुरू हुआ था। लोकसभा और राज्यसभा दोनों को 4 अप्रैल को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया, जिससे 2025 का पहला संसद सत्र समाप्त हो गया। मानसून सत्र की तारीख की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब विपक्षी नेता 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के लिए अभी इसी वक्त संसद का विशेष सत्र बुलाने पर जोर दे रहे हैं।
'ऑपरेशन सिंदूर' आतंकियों के खिलाफ एक सैन्य अभियान था। इसके तहत भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकवादी स्थलों पर हमला किया था। भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में 6 मई की देर रात 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे।
भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। इसके बाद भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर भीषण जवाबी हमले किए। भारत और पाकिस्तान चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद सैन्य टकराव को समाप्त करने के लिए 10 मई को एक सहमति पर पहुंचे।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार मानसून सत्र में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएगी। सरकार कथित भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए सर्वदलीय सहमति बनाने का प्रयास करेगी।
सूत्रों ने बताया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू विभिन्न दलों के नेताओं से बात करेंगे, ताकि उन्हें तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना द्वारा गठित तीन-सदस्यीय समिति की जस्टिस वर्मा के खिलाफ सौंपी गई रिपोर्ट के बाद उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए राजी किया जा सके।
इस साल मार्च में राष्ट्रीय राजधानी स्थित जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना हुई थी, जिसके बाद कथित तौर पर जली हुई कैश बरामद हुई। उस समय जस्टिस वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट में जज थे।
जस्टिस वर्मा ने खुद को निर्दोष बताया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने उन्हें दोषी ठहराया। विवाद के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर किए गए जस्टिस वर्मा को इस्तीफा देने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद जस्टिस खन्ना ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर महाभियोग प्रस्ताव की सिफारिश की, जो उच्च न्यायपालिका के सदस्यों को सेवा से हटाने की प्रक्रिया है।