'ट्रंप और पीएम मोदी की अक्सर होती है बात, उनके लिए है बहुत सम्मान', व्हाइट हाउस का बड़ा दावा, ट्रेड टॉक पर आया बड़ा अपडेट

US-India Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण के लिए पांच दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया हुआ है कि भारत 'जल्दबाजी में या बंदूक की नोक पर' कोई डील नहीं करेगा

अपडेटेड Nov 05, 2025 पर 10:36 AM
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ट्रंप प्रशासन ने फिलहाल भारतीय वस्तुओं पर भारी-भरकम 50% टैरिफ और रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25% एक्सट्रा इंपोर्ट शुल्क लगाया हुआ है

White House: भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड टॉक को लेकर एक पॉजिटिव अपडेट सामने आया है। व्हाइट हाउस ने इस बात की पुष्टि की है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर 'बहुत पॉजिटिव हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत नियमित रूप से होती रहती है।' व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप, प्रधानमंत्री मोदी के लिए 'बहुत सम्मान' रखते हैं और उनकी व्यापार टीम भारत के साथ महत्वपूर्ण व्यापार मुद्दों पर 'महत्वपूर्ण चर्चाओं' में जुटी हुई है।

लेविट ने पुष्टि की कि राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में ओवल ऑफिस में दिवाली समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से सीधे बात की थी, जहां कई वरिष्ठ भारतीय-अमेरिकी अधिकारी मौजूद थे। यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए भारी-भरकम 50% टैरिफ और रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25% एक्सट्रा इंपोर्ट शुल्क के कारण दोनों देशों के संबंध तनाव में हैं।

व्यापार समझौते पर निर्णायक दौर की बातचीत


भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण के लिए पांच दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल  ने स्पष्ट किया हुआ है कि भारत 'जल्दबाजी में या बंदूक की नोक पर' कोई डील नहीं करेगा, क्योंकि वह भारतीय किसानों, छोटे उद्योगों और घरेलू उत्पादकों के हितों की रक्षा पर अड़ा हुआ है।

टैरिफ में कटौती की है उम्मीद

सूत्रों के अनुसार, बातचीत इस दिशा में आगे बढ़ रही है कि भारतीय निर्यात पर वर्तमान 50% का शुल्क घटाकर 15-16% तक लाया जा सकता है। व्यापार समझौते के रास्ते में मुख्य अड़चनें रूसी कच्चे तेल की खरीद पर अमेरिकी आपत्ति और भारत के संवेदनशील क्षेत्रों (जैसे डेयरी और कृषि) में अमेरिकी कंपनियों की पहुंच से जुड़ी हैं।अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने हाल ही में सीनेट फॉरेन रिलेशन्स कमेटी की रैंकिंग मेंबर जीन शाहीन के साथ एक आपसी लाभकारी व्यापार समझौते और ऊर्जा सुरक्षा पर चर्चा की, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार सौदा अब निष्कर्ष के बहुत करीब है।

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