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Parliament Winter Session: सांसदों को पार्टी लाइन से हटकर वोट करने की मिलेगी आजादी? 'व्हिप' के झंझट से मुक्ती के लिए बिल पेश

Parliament Winter Session: 'दलबदल रोधी कानून' में संशोधन के लिए गैर सरकार विधेयक पेश करने वाले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी कहा कि इस बिल का मकसद यह पता लगाना है कि लोकतंत्र में प्राथमिकता किसकी होनी चाहिए। वह मतदाता जो अपने प्रतिनिधि को चुनने के लिए घंटों धूप में खड़ा होता है, या वह राजनीति, जिसके व्हिप का पालन करने के लिए प्रतिनिधि मजबूर हो जाता है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Dec 07, 2025 पर 5:04 PM
Parliament Winter Session: सांसदों को पार्टी लाइन से हटकर वोट करने की मिलेगी आजादी? 'व्हिप' के झंझट से मुक्ती के लिए बिल पेश
Parliament Winter Session 2025: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी चाहते हैं कि MPs को संसद में पार्टी लाइन से हटकर वोट करने की आजादी मिले

Parliament Winter Session 2025: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में एक विधेयक पेश किया है। इसमें अच्छे कानून बनाने के लिए संसद सदस्यों को 'व्हिप के झंझट' से मुक्ति दिलाकर विधेयकों और प्रस्तावों पर स्वतंत्र रूप से मतदान की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। शुक्रवार को 'दलबदल रोधी कानून' में संशोधन के लिए गैर सरकार विधेयक पेश करने वाले तिवारी कहा कि इस बिल का मकसद यह पता लगाना है कि लोकतंत्र में प्राथमिकता किसकी होनी चाहिए। वह मतदाता जो अपने प्रतिनिधि को चुनने के लिए घंटों धूप में खड़ा होता है, या वह राजनीति, जिसके व्हिप का पालन करने के लिए प्रतिनिधि मजबूर हो जाता है।

तिवारी ने इससे पहले 2010 और 2021 में भी यह विधेयक पेश किया था। इसका उद्देश्य संसद सदस्यों को अविश्वास और विश्वास प्रस्तावों जैसे सरकार की स्थिरता से जुड़े प्रस्तावों, स्थगन प्रस्ताव, वित्त विधेयकों और वित्तीय मामलों को छोड़कर अन्य विधेयकों एवं प्रस्तावों पर स्वतंत्र रूप से मतदान करने की स्वतंत्रता देना है।

तिवारी ने पीटीआई से कहा, "यह विधेयक इस उद्देश्य से पेश किया गया है कि सांसदों को अपने विवेक, अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों और सामान्य समझ के आधार पर फैसले लेने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। एक निर्वाचित प्रतिनिधि को अपनी पार्टी के व्हिप का पालन करने के बजाय निर्वाचन क्षेत्र लोगों के हिसाब से काम करना चाहिए। पार्टी के व्हिप के चलते प्रतिनिधि को कोई महत्व नहीं रह जाता। लिहाजा उसे पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से सोचने और काम करने का अधिकार मिलना चाहिए।"

विधेयक के उद्देश्य और कारणों की व्याख्या में कहा गया है कि इसमें संविधान की दसवें अनुसूची में संशोधन का अनुरोध किया गया है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सांसद की सदस्यता तभी खो सकती है जब वह विश्वास प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव, वित्त विधेयक या वित्तीय मामलों से संबंधित मुद्दों पर पार्टी के दिशा-निर्देशों के विपरीत मतदान करे या मतदान से दूर रहे।

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