संजीव सान्याल ने कहा-जीएसटी के नए रेट्स लागू कराने के लिए सरकार दोबारा 'इंस्पेक्टर राज' शुरू नहीं करना चाहती

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएम-ईएसी) के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि सरकार ने कंपनियों को संकेत दिया है कि उन्हें जीएसटी में कमी के बाद चीजों की कीमतों में कमी करनी चाहिए। इसके लिए सरकार फिर से 'इंस्पेक्टर राज' शुरू नहीं करना चाहती है

अपडेटेड Sep 19, 2025 पर 5:56 PM
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हाल में कई बड़ी कंज्यूमर गुड्स कंपनियों और ऑटो कंपनियों ने प्रोडक्ट्स की कीमतों में कमी के ऐलान किए हैं।

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएम-ईएसी) के सदस्य संजीव सान्याल ने एक बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि सरकार कंपनियों को संकेत दिया है कि जीएसटी में कमी के बाद उन्हें चीजों की कीमतों में करनी चाहिए, लेकिन सरकार फिर से 'इंस्पेक्टर राज' शुरू नहीं करना चाहती है। इस महीने की शुरुआत में जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी फ्रेमवर्क में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इससे जीएसटी के रेट्स घटने से कई चीजें सस्ती हो जाएंगी। जीएसटी के नए रेट्स 22 सितंबर से लागू होने जा रहे है।

22 सितंबर से 300 से ज्यादा आइटम्स की कीमतें घट जाएंगी

सान्याल ने मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में कहा, "उम्मीद है कि कंपनियां जीएसटी में कमी का फायदा लोगों को देंगी। लेकिन, हमें यह देखना होगा कि यह किस तरह होता है। मेरा मानना है कि सरकार की तरफ से संकेत दिया जा चुका है कि इसका लाभ लोगों को दिया जाए।" जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर को हुई बैठक में चार की जगह जीएसटी के 2 स्लैब रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। नई व्यवस्था 22 सितंबर से लागू होने पर रोजाना इस्तेमाल होने वाली 300 से अधिक आइटम्स की कीमतों में कमी आएगी।


कई कंपनियां प्रोडक्ट्स की कीमतों में कमी का ऐलान कर चुकी हैं

हाल में कई बड़ी कंज्यूमर गुड्स कंपनियों ने शैंपू, टूथपेस्ट, रेजर जैसी चीजों के दाम में कमी करने के ऐलान किए हैं। इनमें P&G, HUL और ITC जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। ऑटो कंपनियों ने भी छोटी-बड़ी हर तरह की गाड़ियों पर जीएसटी घटाने के ऐलान कर दिए हैं। इससे छोटी कारों के दाम में 60,000 रुपये और प्रीमियम एसयूवी के दाम में 3 लाख रुपये से ज्यादा कमी आने का अनुमान है।

इंस्पेक्टर राज दोबारा शुरू करने में सरकार की दिलचस्पी नहीं

सान्याल ने कहा, "सरकार जीएसटी के रेट्स में कमी का लागू करने के लिए फिर से इंस्पेक्टर राज की व्यवस्था शुरू नही करना चाहती। कुछ हद तक यह आम लोगों के दबाव से लागू होगा। इस मामले में लेबलिंग जैसे छोटे मसलों को छोड़ दें तो उदारता की कोई गुंजाइश नहीं है। लेबल पहले प्रिंट हो चुके हैं और प्रोडक्ट्स सप्लाई चेन में हैं। यह ट्रांजिशन का मसला है। इसे छोड़ दें तो इस बारे में मुझे कोई सहानुभूति नहीं है। इसकी वजह यह है कि अगर किसी चीज पर टैक्स कम लग रहा है तो इसका फायदा लोगों को मिलना चाहिए। लोगों को इसका फायदा नहीं देने का कहां सवाल पैदा होता है?"

छोटे पैकेट्स के दाम घटाने की जगह कंपनियां साइज बढ़ा सकती हैं

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 सितंबर को नेटवर्क18 को दिए इंटरव्यू में कहा था कि कई लोगों ने यह मसला (आम लोगों को जीएसटी में कमी का फायदा) उठाया है। उन्होंने कहा था, "हमें इस बारे में इंडस्ट्री से बातचीत करते रहना होगा। हमें उन्हें ऐसा करने के लिए कहना होगा।" जीएसटी के नए रेट्स 22 सितंबर से लागू होने जा रहे हैं, जो शारदीय नवरात्र का पहला दिन है। जीएसटी के नए रेट्स लागू करने में छोटी दिक्कतें आ सकती हैं। हाल में एफएमसीजी कंपनियों ने कहा था कि उनके लिए छोटे पैकेट्स की कीमतों में कमी करना मुमकिन नहीं होगा। हालांकि, उन्होंन कहा था कि दाम घटाने की जगह वे पैकेट की साइज बढ़ाने जैसा रास्ता निकालने को तैयार हैं।

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जीएसटी 2.0 शुरू होने पर कंप्लायंस भी आसान हो जाएगा

पीएम-ईएसी के सदस्य ने कहा कि GST 2.0 से कंप्लायंस भी आसान होगा। उन्होंने कि 2017 से ही पूरा प्रोसेस काफी जटिल था। सरकार को इस बारे में काफी शिकायतें मिल रही थीं। सरकार चाहती है कि नए बिजनेसेज को जल्द जीएसटी नंबर एलॉट कर दिया जाए। जीएसटी 2.0 लागू होने से नए बिजनेसेज को तीन दिन में जीएसटी नंबर मिल जाएगा।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Sep 19, 2025 5:48 PM

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