Operation Sindoor Outreach: दुनिया भर में भारत का संदेश लेकर गए शांति दूत वापस लौटे तो पीएम नरेन्द्र मोदी के स्वागत का अंदाज सबको भा गया। सबसे उनके दौरे का हाल पूछा। विपक्ष के शीर्ष नेताओं, शशि थरुर, मनीष तिवारी, कनिमोई, सुप्रिया सुले, शिवसेना के श्रीकांत शिदे जैसे नेताओं से मुलाकात में पीएम मोदी की गर्मजोशी सबको खुश कर गयी। ये प्रतिनिधिमंडल ऐसे थे जिसमें पार्टी की राजनीति से हटकर सभी दलों के नेता शामिल थे। सबमें देश भक्ति का जज्बा इतना था कि कुछ तो अपने आलाकमान की नाराजगी मोल लेकर भी इसमें शामिल हो गए थे। कांग्रेस के नेताओं शशि थरुर और मनीष तिवारी की बातों को गंभीरता से सुनते पीएम मोदी को पूरे देश ने देखा।
पीएम मोदी की इन प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से बातचीत की खास बात ये रही कि पीएम ने विपक्ष के नेताओं की बातें खूब सुनी और बड़े ध्यान से सुनी। इन प्रतिनिधिमंडल में सभी दलों के सांसद, पूर्व सांसद, कई पूर्व राजनयिक भी शामिल थे जिन्होने आतंक के खिलाफ भारत का रुख और दुनिया में शांति के भारत की प्रतिबद्धता का संदेश तमाम देशों को दिया।
फ्रंट से लीड करते हुए नजर आए पीएम मोदी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जरुरत थी कि पूरी दुनिया में भारत से एक ही संदेश जाए कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकमत है और आंतक का समर्थन करने वाले देशों को भारत बख्शने वाला नहीं है। पीएम मोदी ने फ्रंट से लीड करते हुए पहलगाम के हमले के बाद से ही सारी रणनीति बनानी शुरु कर दी थी। ऑपरेशन सिंदूर को सफल अंजाम पर पहुंचाने के बाद ये संदेश तो दे ही दिया था भारत न सिर्फ बिना सीमा लांघे दुश्मन के ठिकाने को नेस्तनाबूत कर सकता है बल्कि शांति की पहल भी कर सकता है। पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के बाद झटके तो आने वाले समय में तो झेलने पडेंगे ही, लेकिन पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देशों को भी भारत ने अपने कड़े तेवर तो दिखा ही दिए हैं। घरेलू स्तर पर सर्वदलिय बैठक बुलाकर ये संदेश भी मोदी सरकार ने दे दिया कि वो इस संवेदशील मुद्दे पर सबको साथ लेकर ही चलेगी और पूरा देश एक सुर मे आतंक के खिलाफ जंग मे साथ है।
दलगत राजनीति से हट कर उठाया बड़ा कदम
प्रतिनिधिमंडलों के दौरे से जुड़े छोटे बड़े किस्सों के बारे में पीएम मोदी ने जानकारी इकट्ठी कर रखी थी। मसलन श्रीकांत शिंदे को पूरा प्रतिनिधिमंडल भाऊ कह के पुकारता था, इसकी जानकारी भी पीएम मोदी के पास दी। जब बीजेपी के पूर्व सांसद एसएस अहलुवालिया ने पीएम मोदी को पटना साहिब से लाया सरोपा पहनाया तो पीएम ने पूछा की ये दुबई या फिर अबू धाबी के गुरुद्वारों की तो नहीं जहां वो गए थे। तब एसएस अहलुवालिया ने पीएम को बताया कि ये पटना साहेब से लेकर आए हैं। पीएम ये भी जानते थे कि जिन गुरुद्वारों में ये टीम गयी था वहां सरोपा देकर पूरे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत हुआ। अमरीका और युरोप गए प्रतिनिधिमंडल के नेता रविशंकर प्रसाद ने पीएम मोदी को बताया कि विदेशों में रक्षा समितियां और संसदीय समितियां बहुत मजबूत मानी जाती हैं। हमे भी ऐसे सर्वदलिय प्रतिनिधिमंडलों को आगे भी दुनिया भर में भेजते रहना चाहिए ताकि हर जगह ये संदेश जाए कि आतंक और विदेश नीति के मसले पर पूरा देश एक है।
असदउद्दीन ओवैसी नहीं थे मौजूद, खली कमी
एआईएमआईएम के असदउद्दीन ओवैसी की कमी सबको खली। मिडिल ईस्ट के देशों में ओवैसी ने ही पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा मोर्चा खोला था जिसकी सबने तारीफ की थी। लेकिन ओवैसी व्यक्तिगत कारणों से पीएम मोदी से मुलाकात के वक्त मौजुद नहीं थे। ओवैसी की अनुपस्थिति में उनके लिए बैटिंग करने वाले रहे गोड्डा लोकसभा से बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे। प्रतिनिधिमंडल में ओवैसी का साथ गए निशिकांत दूबे ने पीएम मोदी के सामने ओवैसी की जम कर तारीफ की और पीएम को बताया कि ओवैसी का कारण ही पाकिस्तान को एफएटीएफ मे डालने से लेकर पाकिस्तान के दोगलेपन की अरब देशों के सामने पोल खोली। तभी तो प्रतिनिधिमंडल के दौरे से लोटने के बाद पीएम मोदी कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद की समस्या को समाप्त करने की आवश्यकता पर सर्वदलिय प्रतिनिधिमंडलों ने देश का एक विचार पुरजोर तरीके से पेश किया।