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'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद दुनिया भर में भारत का संदेश पहुंचाने वाले शांति दूतों से PM मोदी खूब घुले मिले

Operation Sindoor Outreach: प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि पहलगाम हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद आतंकवाद की समस्या को समाप्त करने की आवश्यकता पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों ने विभिन्न देशों में भारत का विचार पुरजोर तरीके से पेश किया। पीएम मोदी ने 33 देशों की राजधानियों की यात्रा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों की मेजबानी की

Amitabh Sinhaअपडेटेड Jun 12, 2025 पर 8:27 PM
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद दुनिया भर में भारत का संदेश पहुंचाने वाले शांति दूतों से PM मोदी खूब घुले मिले
Operation Sindoor Outreach: ये प्रतिनिधिमंडल ऐसे थे जिसमें पार्टी की राजनीति से हटकर सभी दलों के नेता शामिल थे

Operation Sindoor Outreach: दुनिया भर में भारत का संदेश लेकर गए शांति दूत वापस लौटे तो पीएम नरेन्द्र मोदी के स्वागत का अंदाज सबको भा गया। सबसे उनके दौरे का हाल पूछा। विपक्ष के शीर्ष नेताओं, शशि थरुर, मनीष तिवारी, कनिमोई, सुप्रिया सुले, शिवसेना के श्रीकांत शिदे जैसे नेताओं से मुलाकात में पीएम मोदी की गर्मजोशी सबको खुश कर गयी। ये प्रतिनिधिमंडल ऐसे थे जिसमें पार्टी की राजनीति से हटकर सभी दलों के नेता शामिल थे। सबमें देश भक्ति का जज्बा इतना था कि कुछ तो अपने आलाकमान की नाराजगी मोल लेकर भी इसमें शामिल हो गए थे। कांग्रेस के नेताओं शशि थरुर और मनीष तिवारी की बातों को गंभीरता से सुनते पीएम मोदी को पूरे देश ने देखा।

पीएम मोदी की इन प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से बातचीत की खास बात ये रही कि पीएम ने विपक्ष के नेताओं की बातें खूब सुनी और बड़े ध्यान से सुनी। इन प्रतिनिधिमंडल में सभी दलों के सांसद, पूर्व सांसद, कई पूर्व राजनयिक भी शामिल थे जिन्होने आतंक के खिलाफ भारत का रुख और दुनिया में शांति के भारत की प्रतिबद्धता का संदेश तमाम देशों को दिया।

फ्रंट से लीड करते हुए नजर आए पीएम मोदी

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जरुरत थी कि पूरी दुनिया में भारत से एक ही संदेश जाए कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकमत है और आंतक का समर्थन करने वाले देशों को भारत बख्शने वाला नहीं है। पीएम मोदी ने फ्रंट से लीड करते हुए पहलगाम के हमले के बाद से ही सारी रणनीति बनानी शुरु कर दी थी। ऑपरेशन सिंदूर को सफल अंजाम पर पहुंचाने के बाद ये संदेश तो दे ही दिया था भारत न सिर्फ बिना सीमा लांघे दुश्मन के ठिकाने को नेस्तनाबूत कर सकता है बल्कि शांति की पहल भी कर सकता है। पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के बाद झटके तो आने वाले समय में तो झेलने पडेंगे ही, लेकिन पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देशों को भी भारत ने अपने कड़े तेवर तो दिखा ही दिए हैं। घरेलू स्तर पर सर्वदलिय बैठक बुलाकर ये संदेश भी मोदी सरकार ने दे दिया कि वो इस संवेदशील मुद्दे पर सबको साथ लेकर ही चलेगी और पूरा देश एक सुर मे आतंक के खिलाफ जंग मे साथ है।

दलगत राजनीति से हट कर उठाया बड़ा कदम

अब बारी थी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का संदेश पहुंचाने की। पीएम मोदी ने इस मौके पर भी दलगत राजनीति से अलग हट कर सभी दलो से संपर्क साधा। कांग्रेस को अपने सदस्यों को लेकर आपत्ति भी हुई लेकिन प्रतिनिधिमंडल मे शामिल वही हुए जो इसके लिए उपयुक्त थे। इसलिए दुनिया के कोने कोने में ओपिनियन बनाने के लिए जब ये दल निकला तो संदेश एक ही जा रहा था कि भारत शांतिप्रिय देश तो है लेकिन भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम दोगे तो परिणाम भुगतने ही होंगे। लौटते ही पीएम मोदी ने अपने आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर तमाम लोगों से मिले और सबके अनुभव साझा किए। आलम ये था कि किस सांसद ने क्या संदेश दिया, किस सांसद ने थोड़ी मुश्किल परिस्थितियों से उबारा, सबका होमवर्क पीएम मोदी के पास था जिसे सुन कर विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के सदस्य खासे प्रभावित हुए।

प्रतिनिधिमंडलों के दौरे से जुड़े छोटे बड़े किस्सों के बारे में पीएम मोदी ने जानकारी इकट्ठी कर रखी थी। मसलन श्रीकांत शिंदे को पूरा प्रतिनिधिमंडल भाऊ कह के पुकारता था, इसकी जानकारी भी पीएम मोदी के पास दी। जब बीजेपी के पूर्व सांसद एसएस अहलुवालिया ने पीएम मोदी को पटना साहिब से लाया सरोपा पहनाया तो पीएम ने पूछा की ये दुबई या फिर अबू धाबी के गुरुद्वारों की तो नहीं जहां वो गए थे। तब एसएस अहलुवालिया ने पीएम को बताया कि ये पटना साहेब से लेकर आए हैं। पीएम ये भी जानते थे कि जिन गुरुद्वारों में ये टीम गयी था वहां सरोपा देकर पूरे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत हुआ। अमरीका और युरोप गए प्रतिनिधिमंडल के नेता रविशंकर प्रसाद ने पीएम मोदी को बताया कि विदेशों में रक्षा समितियां और संसदीय समितियां बहुत मजबूत मानी जाती हैं। हमे भी ऐसे सर्वदलिय प्रतिनिधिमंडलों को आगे भी दुनिया भर में भेजते रहना चाहिए ताकि हर जगह ये संदेश जाए कि आतंक और विदेश नीति के मसले पर पूरा देश एक है।

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