Prayagraj Junction : प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन को एक बड़ी कार्रवाई की गई। जीआरपी, आरपीएफ और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीमों ने सीमांचल एक्सप्रेस (12487) से 18 बच्चों को रोक लिया। चश्मदीदों के मुताबिक, बच्चों को ट्रेन के जनरल डिब्बे से एक-एक करके उतारते देख स्टेशन पर हलचल मच गई। जब उनकी पहचान और सफर की जानकारी पूछी गई, तो उनके जवाबों पर शक हुआ। जांच के दौरान पता चला कि पुलिस को पहले ही इस ट्रेन में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की सूचना मिल चुकी थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
18 बच्चों को बचा गया
संयुक्त टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी 18 बच्चों को ट्रेन से बाहर निकाला और शुरुआती जांच के बाद उन्हें चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि ये सभी बच्चे बिहार के अलग-अलग जिलों से हैं। अब उनकी काउंसलिंग बाल कल्याण समिति (CWC) द्वारा की जाएगी, जो आगे उनकी कानूनी मदद और पुनर्वास की प्रक्रिया भी तय करेगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उन्हें पहले ही जानकारी मिल गई थी कि तस्कर सीमांचल एक्सप्रेस के ज़रिए बड़ी संख्या में बच्चों को ले जा रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर संयुक्त टीमों ने प्रयागराज जंक्शन पर तलाशी अभियान चलाया और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
इससे पहले भी हुआ था एक्शन
यह पहला मामला नहीं है। 2 सितंबर को भी इसी ट्रेन से 15 बच्चों को बचाया गया था। उस समय बताया गया था कि बच्चों को पढ़ाई का झाँसा देकर ले जाया जा रहा है, लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि उन्हें बाल श्रम के लिए भेजा जा रहा था। इस मामले में 4 सितंबर को जीआरपी ने मुकदमा दर्ज किया था। लगातार दूसरी बार सीमांचल एक्सप्रेस से बच्चों की तस्करी का मामला सामने आने से अधिकारियों की चिंता और बढ़ गई है। जांच एजेंसियाँ यह पता लगाने में जुटी हैं कि कहीं यह ट्रेन तस्करों के बड़े नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं, जो बच्चों को संगठित तरीके से बाल श्रम और तस्करी के लिए इस्तेमाल कर रहे हों। पुलिस ने कहा है कि संवेदनशील रूट्स पर निगरानी और सख्त की जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि बार-बार हो रही ये घटनाएं गंभीर चेतावनी हैं और इनकी गहराई से जांच जारी है।
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