Shivangi Singh: राष्ट्रपति मुर्मू के साथ दिखीं IAF पायलट शिवांगी सिंह, पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पकड़ने का किया था दावा

Shivangi Singh: पाकिस्तान ने दावा किया था कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान उसने भारतीय वायुसेना (IAF) की पायलट शिवांगी सिंह को बंदी बना लिया है। भारत की पहली और एकमात्र महिला राफेल पायलट सिंह उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली हैं। अब स्क्वाड्रन लीडर सिंह का राष्ट्रपति मुर्मू के साथ तस्वीर आने के बाद पाकिस्तान कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रह गया है

अपडेटेड Oct 29, 2025 पर 4:07 PM
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Shivangi Singh: राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय वायुसेना (IAF) की पायलट शिवांगी सिंह के साथ तस्वीरें खिंचवाईं

Shivangi Singh: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार (29 अक्टूबर) को हरियाणा के अंबाला में स्थित वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। उन्होंने इसे अविस्मरणीय अनुभव बताया। हाथ में हेलमेट लिए और धूप का चश्मा लगाए मुर्मू ने भारतीय वायुसेना (IAF) की पायलट शिवांगी सिंह के साथ तस्वीरें खिंचवाईं। उन्होंने हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन पर स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह के साथ पोज दिया। इस तस्वीर से पाकिस्तानी के दुष्प्रचार का भंडाफोड़ हो गया है। पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान शिवांगी सिंह को पकड़ने का दावा किया था।

दरअसल, पाकिस्तान ने दावा किया था कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान उसने भारत के लड़ाकू विमान को मार गिराया गया और IAF पायलट शिवांगी सिंह को बंदी बना लिया है। भारत की पहली और एकमात्र महिला राफेल पायलट सिंह उत्तर प्रदेश के वाराणसी की रहने वाली हैं। उन्हें 2017 में भारतीय वायुसेना में महिला लड़ाकू पायलटों के दूसरे बैच के हिस्से के रूप में शामिल किया गया था।

इसके बाद उन्हें 2020 में राफेल पायलट के रूप में शॉर्टलिस्ट किया गया। बुधवार को पाकिस्तान के दावों की पोल खोलते हुए उन्होंने राष्ट्रपति को नए राफेल विमानों का दौरा कराया। सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तान के दावों पर सफाई दी थीभारतीय वायु सेना ने कहा था कि सेना ने अपने उद्देश्य हासिल कर लिए हैं। साथ ही सभी पायलट घर वापस आ गए हैं।

फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमान को सितंबर 2020 में अंबाला वायुसेना स्टेशन पर भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था। पहले पांच राफेल विमानों को 17वें स्क्वाड्रन 'गोल्डन एरोज' में शामिल किया गया था। ये विमान 27 जुलाई, 2020 को फ्रांस से भारत लाए गए थे।

पाकिस्तान के कब्जे वाले PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए सात मई को शुरू किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' में राफेल विमानों का इस्तेमाल किया गया था। इन हमलों के बाद चार दिन तक भीषण सैन्य झड़प हुईं। यह सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के बाद 10 मई को समाप्त हुईं।

राष्ट्रपति मुर्मू दो लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बन गई हैंअप्रैल 2023 में, सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। राफेल विमान में सवार होने से पहले राष्ट्रपति ने 'जी-सूट' पहना था।


हाथ में हेलमेट लिए और धूप का चश्मा लगाए मुर्मू ने पायलट के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। सुबह 11.27 बजे विमान के उड़ान भरने से पहले राष्ट्रपति ने विमान के अंदर से हाथ हिलाकर अभिवादन किया। विमान ने लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी। करीब 200 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद वापस वायुसेना स्टेशन पर लौटा।

विमान 17वीं स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने उड़ाया। राफेल विमान ने समुद्र तल से लगभग 15,000 फुट की ऊंचाई पर और लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी। बुधवार सुबह वायुसेना स्टेशन पहुंचने पर राष्ट्रपति को औपचारिक 'गार्ड ऑफ ऑनर' भी दिया गया।

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राष्ट्रपति को राफेल विमान और भारतीय वायुसेना की क्षमताओं के बारे में भी जानकारी दी गई। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने 8 जून, 2006 और 25 नवंबर, 2009 को पुणे के पास लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।

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