Shivraj Patil Passes Away: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार (12 दिसंबर) को सुबह महाराष्ट्र में उनके गृह नगर लातूर में निधन हो गया। परिवार के सूत्रों ने बताया कि पाटिल कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने अपने आवास पर ही अंतिम सांस ली। वह 90 वर्ष के थे। अपने लंबे पॉलिटिकल करियर में उन्होंने कई अहम पद संभाले। इनमें लोकसभा स्पीकर और यूनियन कैबिनेट में कई अहम पद शामिल हैं। पाटिल ने लातूर लोकसभा सीट कई बार जीती।
पाटिल लोकसभा के पूर्व स्पीकर थे। वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाल चुके थे। पाटिल ने लातूर लोकसभा सीट से सात बार जीत हासिल की थी। परिवार के सूत्रों ने बताया कि उम्र से जुड़ी बीमारियों की वजह से लंबे समय से बीमार चल रहे पाटिल का घर पर ही इलाज चल रहा था।
कांग्रेस पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने उनकी मौत पर दुख जताया है। साथ ही उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं जताई हैं। उन्होंने 1980, 1984, 1989, 1991, 1996, 1998 और 1999 में यह सीट जीती थी। लेकिन 2004 में वह BJP की रूपताई पाटिल निलंगेकर से हार गए थे। उन्होंने 1972 और 1978 में भी लातूर विधानसभा सीट जीती थी।
2004 के लोकसभा चुनाव में हारने के बाद भी उन्होंने राज्यसभा से गृह मंत्री का पद और केंद्रीय जिम्मेदारियां स्वीकार की थीं। उनके घर के बाहर की तस्वीरों में दिख रहा है कि लोग और पार्टी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा हुए हैं।
महाराष्ट्र के रहने वाले पाटिल मराठवाड़ा इलाके के लातूर से सांसद रहे हैं। 2008 में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के दौरान पाटिल देश के गृह मंत्री थे। मुंबई टेरर अटैक में सिक्योरिटी में चूक की वजह से काफी आलोचना होने के बाद पाटिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने मुंबई अटैक को रोकने में अपनी नाकामी मानी और नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाटिल का सुबह करीब 6:30 बजे लातूर में उनके घर पर निधन हो गया। लातूर के चाकुर के रहने वाले पाटिल का चाकुरकर मराठवाड़ा और महाराष्ट्र में काफी असर था। शिवराज पाटिल लातूर के चाकुर से एक काफी प्रभावशाली कांग्रेस नेता थे।