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राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने अक्षरधाम मंदिर में किए दर्शन, भारत-मंगोलिया आध्यात्मिक संबंधों को मिली नई मजबूती

मंदिर दर्शन के दौरान राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने भगवान स्वामीनारायण के दर्शन किए। साथ ही भगवान नीलकंठवर्णी की मूर्ति का अभिषेक किया। इसके अलावा दोनों देशों के लोगों के हितों, शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना की। राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना को परम पूज्य महंतस्वामी महाराज का आशीर्वाद-संदेश और शुभकामनाओं का एक पत्र भी दिया

Translated By: Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Oct 17, 2025 पर 3:36 PM
राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने अक्षरधाम मंदिर में किए दर्शन, भारत-मंगोलिया आध्यात्मिक संबंधों को मिली नई मजबूती
राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने बुधवार (15 अक्टूबर) को नई दिल्ली स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम का दर्शन किया

भारत की राजकीय यात्रा पर आए मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने बुधवार (15 अक्टूबर) को नई दिल्ली स्थित BAPS स्वामीनारायण अक्षरधाम का दर्शन किया। इस यात्रा के दौरान उनके साथ मंगोलिया की विदेश मंत्री बत्त्सेत्सेग बटमुंख, राजदूत गनबोल्ड दंबजाव और मंगोलियाई प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य मौजूद थे। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य महंतस्वामी महाराज की ओर से पूज्य धर्मवत्सलदास स्वामी ने पारंपरिक रीति से उनका स्वागत किया।

मंदिर दर्शन के दौरान राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने भगवान स्वामीनारायण के दर्शन कर भगवान नीलकंठवर्णी की मूर्ति का अभिषेक किया। साथ ही दोनों देशों के लोगों के हितों, शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना की। राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना को परम पूज्य महंतस्वामी महाराज का आशीर्वाद-संदेश और शुभकामनाओं का एक लेटर भी दिया किया गया।

इस लेटर में पूज्य स्वामीश्री ने राष्ट्रपति की भारत यात्रा की सराहना करते हुए मंगोलिया की जनता में शांति, करुणा और एकता का वातावरण तैयार के लिए उनके नेतृत्व की तारीफ की। साथ ही उन्होंने उनके उत्तम स्वास्थ्य और सफलता की मंगलकामना की। इसके साथ-साथ भारत और मंगोलिया के बीच परस्पर आदर और साझा आध्यात्मिक मूल्यों से प्रेरित एक लंबी साझेदारी की प्रार्थना की।

राष्ट्रपति खुरेलसुख ने भारत-मंगोलिया संबंधों की प्राचीनता और अपनी यात्रा के अनुभव को व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "भारत के लोगों का स्नेह गंगा नदी की शांति और प्रवाह जितना निर्मल एवं पवित्र है। और मंगोलिया के लोगों के विशाल हृदय मंगोलियाई मैदानों जितने असीम हैं। इन दोनों के बीच का यह संबंध 'हूण साम्राज्य' जितना पुराना है।"

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