पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर राज्य के तीन शहरों को पवित्र घोषित करते हुए, उनमें शराब, मीट, तंबाकू और दूसरे नशीले पदार्थों की बिक्री और सेवन पर बैन लगा दिया है। पंजाब सरकार ने रूपनगर जिले में आनंदपुर साहिब, बठिंडा में तलवंडी साबो और अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के आसपास के गलियारा एरिया को पवित्र शहर घोषित किया है।
प्रस्ताव के अनुसार, इन जगहों पर शराब, मांस और तंबाकू प्रोडक्ट की बिक्री और इनके खाने-पीने पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान पेश किया, जो आनंदपुर साहिब में गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।
यह पहली बार था जब गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि देने के लिए पंजाब की राजधानी के बाहर विधानसभा सत्र बुलाया गया था।
तीन शहरों को पवित्र घोषित करने के अलावा, राज्य सरकार ने नौवें सिख गुरु की 350वीं शहादत वर्षगांठ के उपलक्ष्य में रविवार, 23 नवंबर से ही कार्यक्रम आयोजित किए हैं। यह कार्यक्रम आज, 25 नवंबर को भी चलता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने आनंदपुर साहिब में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर रूपनगर जिले में आनंदपुर साहिब, बठिंडा में तलवंडी साबो और अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के आसपास के गलियारा क्षेत्र को पवित्र शहर घोषित किया।
भगवंत मान ने कहा कि दशकों से लोग इन जगहों को पवित्र नगरी का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। भगवंत मान ने कहा, "हमारी सरकार को यह फैसला लेने का सौभाग्य मिला है। इस विशेष सत्र को इस कदम के लिए लंबे समय तक याद रखा जाएगा।"
सिखों के पांच 'तख्त' हैं जिनमें से तीन - श्री अकाल तख्त साहिब (अमृतसर), श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो, बठिंडा) और तख्त श्री केशगढ़ साहिब (श्री आनंदपुर साहिब)।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये स्थान केवल धार्मिक केंद्र ही नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता की विरासत के प्रतीक भी हैं। उन्होंने कहा, "इन्हें पवित्र शहर घोषित करना किसी एक राजनीतिक दल, समुदाय या धर्म की मांग नहीं थी, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और वैश्विक प्रचार की दिशा में एक अहम कदम था।"
पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इन शहरों का समग्र विकास सुनिश्चित करेगी और साथ ही इनमें धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।