Rahul Gandhi News: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार (13 अगस्त) को अपनी जान का खतरा बताकर सनसनी मचा दी। महाराष्ट्र के पुणे की एक अदालत में रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें जान का खतरा है। कांग्रेस नेता ने अपने खिलाफ मानहानि मामले में सुनवाई कर रही पुणे की एक अदालत से कहा कि उन्हें विनायक दामोदर सावरकर और नाथूराम गोडसे की विचारधारा के लोगों से खतरे की आशंका है। उन्होंने कहा कि उन्हें सुरक्षा देना सरकार का संवैधानिक दायित्व है।
विनायक दामोदर सावरकर के पौत्र सत्यकी सावरकर की तरफ से दायर मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे राहुल गांधी ने MP/MLA स्पेशल कोर्ट के समक्ष एक आवेदन में यह सनसनीखेज दावा किया। इस मामले में मुकदमा अभी शुरू होना है। यह गांधी द्वारा स्वतंत्रता सेनानी एवं हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर के खिलाफ की गईं कथित टिप्पणियों से संबंधित है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमोल शिंदे के समक्ष दायर किए गए आवेदन में कहा गया कि शिकायतकर्ता सत्यकी सावरकर ने स्वीकार किया था कि वह मातृवंश के माध्यम से नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे के भी प्रत्यक्ष वंशज हैं। नाथूराम और गोपाल गोडसे महात्मा गांधी की हत्या के मामले में प्रमुख आरोपी थे।
आवेदन में कहा गया कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं। उन्होंने हाल में नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर देश के सामने चुनाव आयोग द्वारा कथित चुनाव धोखाधड़ी किए जाने के सबूत रखे थे। इसमें कहा गया कि उन्होंने संसद परिसर में भी विरोध प्रदर्शन किया और 'वोट चोर सरकार' जैसे नारे लगाए तथा हिंदुत्व विषय पर संसदीय बहस के दौरान प्रधानमंत्री और नेता विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई, जो कि जनता को अच्छी तरह से ज्ञात है।
आवेदन में कहा गया, "इसके मद्देनजर, इसमें कोई संदेह नहीं है कि शिकायतकर्ता, विनायक सावरकर की विचारधारा से जुड़े लोग और सावरकर के कुछ अनुयायी जो वर्तमान में सत्ता में हैं, गांधी के प्रति शत्रुता या नाराजगी रखते होंगे।" इसमें कहा गया, "शिकायतकर्ता के वंश से जुड़ी हिंसक और संविधान-विरोधी प्रवृत्तियों के इतिहास और मौजूदा राजनीतिक माहौल को देखते हुए, इस बात की स्पष्ट, उचित और पर्याप्त आशंका है कि राहुल गांधी को नुकसान पहुंचाया जा सकता है या अन्य प्रकार से निशाना बनाया जा सकता है...।"
आवेदन में कहा गया कि चरमपंथी गुटों से जुड़ी राजनीतिक हिंसा के ऐतिहासिक रिकॉर्ड और शिकायतकर्ता की राजनीतिक-वैचारिक विरासत तथा वर्तमान में बढ़ती शत्रुता के माहौल को देखते हुए, यह आशंका न तो अस्पष्ट है और न ही निराधार है। इसमें कहा गया कि ऐसी परिस्थितियों में निवारक सुरक्षा न केवल विवेकपूर्ण है, बल्कि सरकार का संवैधानिक दायित्व भी है।
वकील ने कहा, "इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि विनायक दामोदर सावरकर की असंवैधानिक विचारधारा और विचारों से प्रेरित तथा नाथूराम और गोपाल गोडसे जैसी खतरनाक मानसिकता रखने वाले कुछ लोग गांधी के जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।" अदालत पहले ही इस मामले में गांधी को जमानत दे चुकी है।
सावरकर के परिवार ने खारिज किया दावा
याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए सत्यकी सावरकर ने कहा कि यह तुच्छ है। मुकदमे में देरी करने के इरादे से दायर की गई है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "गांधी द्वारा आवेदन में उल्लिखित तथ्यों का वर्तमान मामले से कोई लेना-देना नहीं है।"
सत्यकी ने कांग्रेस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मार्च 2023 में लंदन में दिए गए एक भाषण में कांग्रेस नेता ने दावा किया कि वीडी सावरकर ने एक किताब में लिखा था कि उन्होंने और उनके पांच-छह दोस्तों ने एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की और इससे उन्हें (सावरकर को) खुशी हुई। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई और विनायक दामोदर सावरकर ने कभी भी, कहीं भी ऐसी कोई बात नहीं लिखी। पुणे कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई अब 10 सितंबर को करेगी।