Maharashtra Rains: महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है। जबकि 120 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और उसके आसपास के इलाकों में मंगलवार (16 सितंबर) को बादल फटने और रात भर हुई भारी बारिश से भीषण तबाही मची। इसमें कम से कम पांच लोग बह गए और 500 से अधिक लोग विभिन्न स्थानों पर फंस गए। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में रातभर हुई भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गई और बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ। इससे एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। मंडी जिले में एक बस स्टैंड जलमग्न हो गया।
महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन विभाग ने मंगलवार (16 सितंबर) को एक विज्ञप्ति में बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और अन्य बचाव दल प्रभावित जिलों में लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हुए हैं। मराठवाड़ा के आठ में से पांच जिलों में सोमवार को भारी बारिश हुई। इसमें बीड में सबसे अधिक 143.7 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके बाद नांदेड़ में 131.6 मिमी और जालना में 121.4 मिमी बारिश हुई। यह आंकड़े मंगलवार सुबह समाप्त हुए 24 घंटे की अवधि के हैं।
नदियां उफान पर हैं। निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है। इससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इससे बीड और अहिल्यानगर सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, इन क्षेत्रों में बचाव एवं राहत अभियान चलाया गया और 120 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
एनडीआरएफ ने स्थानीय प्रशासन को लोगों को निकालने और आपातकालीन राहत कार्यों में सहायता के लिए राज्य भर में 12 टीम तैनात की हैं। राज्य एजेंसियों और जिला प्रशासनों ने भी दमकल, पुलिस इकाइयों और स्थानीय स्वयंसेवकों को तैनात किया है।
हिमाचल के मंडी जिले में बाढ़ के कारण कई बसें और अन्य वाहन बह गए। जबकि एक व्यक्ति के लापता होने की खबर है। जिले के ब्रागटा गांव में भूस्खलन के कारण एक मकान ढह गया, जिसमें दो महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने पीटीआई को बताया कि तीन शव बरामद किए गए हैं। जबकि दो लोगों को बचा लिया गया है। गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को निकटतम अस्पताल ले जाया गया।
मंडी जिले के धरमपुर क्षेत्र में सोमवार देर रात अचानक आई बाढ़ से मुख्य बस स्टैंड और आसपास के व्यावसायिक प्रतिष्ठान जलमग्न हो गए। एक व्यक्ति बाढ़ में लापता बताया गया है, जिसकी तलाश जारी है। दुकानदारों और स्थानीय निवासियों को भारी नुकसान हुआ, बाढ़ का पानी दुकानों में घुस गया, जिससे माल और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार नुकसान कई करोड़ रुपये का है।
अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण सोन और भरांद नालों में बाढ़ आई, जिससे बस स्टैंड, एक कार्यशाला, पंप हाउस, दुकानों और 20 से अधिक बसों को नुकसान पहुंचा। शिमला में सोमवार शाम से 12 घंटों में 141 मिमी बारिश हुई। हिमलैंड के पास भूस्खलन के कारण कई वाहन मलबे में दब गए। इससे स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी हुई।
देहरादून और उसके आसपास के इलाकों में मंगलवार को बादल फटने से कम पांच लोग बह गए। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार सहस्त्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और डालनवाला आपदा से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। सहस्त्रधारा में 192 मिमी, मालदेवता में 141.5 मिमी, हाथी बरकला और जॉली ग्रांट में 92.5 मिमी और कालसी में 83.5 मिमी बारिश हुई। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय ने बताया कि कई सड़कें, मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। मंगलवार तड़के एक पुल बह गया। शहर के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार पानी में पांच लोग बह गए और 584 लोग फंसे हुए हैं।
बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं। तमसा नदी जिसके किनारे प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर स्थित है। खतरे के निशान के बहुत करीब बह रही है। गंगा और यमुना भी चेतावनी स्तर के करीब बह रही हैं। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि प्रभावित इलाकों में टीम राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। वहीं, 300 से 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
मझारा गांव के निवासी सड़कों पर इकट्ठा हैं। उनका कहना है कि वे भूस्खलन से बाल बाल बचे हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग लापता हो गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जिले के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा कर जमीनी हालात का जायजा लिया। स्थानीय विधायक और वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ मौजूद रहे।