राजस्थान से एक बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) के एक वरिष्ठ अधिकारी को उनके ही विभाग ने बेहिसाब कैश के साथ रंगे हाथों पकड़ा है। अधिकारी पर कथित तौर पर सरकारी कर्मचारियों से हर महीने रिश्वत वसूलने का आरोप है। झालावाड़ में ACB में तैनात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगराम मीणा को ACB की एक टीम ने जयपुर के बाहरी इलाके शिवदासपुरा टोल प्लाजा पर औचक निरीक्षण के दौरान रोका। शुक्रवार देर रात जब मीणा झालावाड़ से जयपुर जा रहे थे, तब उनकी गाड़ी की तलाशी ली गई।
ACB के डायरेक्टर जनरल डॉ. रवि प्रकाश मेहरदा के अनुसार, सूचना मिली थी कि मीणा भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त है और जनता और सरकारी विभागों में उसकी छवि खराब है। जांचकर्ताओं को बताया गया कि मीणा सरकारी अधिकारियों से ‘सुविधा शुल्क’ वसूलता था, असल में यह एक तरह की प्रोटेक्शन मनी थी। कथित तौर पर वह झालावाड़ में साप्ताहिक आधार पर ये पैसा वसूलता था और फिर उन्हें एक गाड़ी में जयपुर ले जाता था।
अधिकारियों ने पहले भी मीणा को पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वह गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहा और इस प्रक्रिया में ज्यादा सतर्क हो गया।
ACB को गुप्त सूत्रों से सूचना मिली थी कि मीणा एक बार फिर बड़ी मात्रा में काले धन का लेन-देन कर रहा है। इसके बाद ACB के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल राजेश सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने शिवदासपुरा के बरखेड़ा टोल प्लाजा पर उसकी गाड़ी को रोका।
जांच के दौरान अधिकारियों को गाड़ी से ₹9.35 लाख नकद बरामद हुए। ये पैसे अखबारों में लपेटकर, एक पीले लिफाफे, साधारण लिफाफों और एक लेदर बैग में छुपाकर रखे गए थे। जब ACB ने मीणा से इन पैसों के बारे में पूछा, तो वह कोई भी दस्तावेज या संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
ACB अधिकारी डॉ. मेहर्दा ने बताया कि जांच के दौरान यह भी सामने आया कि मीणा की आमदनी से कहीं ज्यादा संपत्ति पाई गई है। इसलिए गाड़ी से बरामद पूरी रकम को जब्त कर लिया गया है।
इसके बाद ACB की टीम ने जयपुर स्थित मीणा के घर पर भी छापा मारा। वहां से ₹39.5 लाख कैश, कई संपत्तियों के दस्तावेज, और विदेशी शराब की 85 बोतलें बरामद हुईं। पुलिस ने बताया कि इस मामले में संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
फिलहाल मीणा से पूछताछ की जा रही है और उसे निलंबित कर दिया गया है। ACB ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है और जांच जारी है।