Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार (2 अक्टूबर) को सीमावर्ती सर क्रीक क्षेत्र में मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि इसका ऐसा करारा जवाब दिया जाएगा कि इस क्षेत्र का इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएगा। सिंह ने कहा, "आजादी के 78 साल बीत जाने के बावजूद भी सर क्रीक इलाके में सीमा को लेकर एक विवाद खड़ा किया जाता है। भारत ने कई बार बातचीत के रास्ते इसका समाधान करने का प्रयास किया है, मगर पाकिस्तान की नीयत में ही खोट है। उसकी नीयत साफ नहीं है। जिस तरह से हाल में पाकिस्तान की फौज ने सर क्रीक से सटे इलाकों में अपना मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर बढाया है, वह उसकी नीयत बताता है।"
रक्षा मंत्री ने कहा, "भारत की सीमाओं की रक्षा भारतीय सेनाएं और BSF मिलकर मुस्तैदी से कर रही है। अगर सर क्रीक इलाके में पाकिस्तान की ओर से कोई भी हिमाकत की गई तो उसे ऐसा करारा जबाव मिलेगा कि इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएगा।" सिंह ने आगे कहा कि भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है। तनाव बढ़ाकर पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरू करना उसका उद्देश्य नहीं था।
उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों के बीच संघर्ष के लगभग पांच महीने बाद यह टिप्पणी की। गुजरात के भुज में सैनिकों के एक समूह को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी। रक्षा मंत्री ने दशहरा के अवसर पर शस्त्र पूजा (हथियारों की पूजा) की।
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत की रक्षा प्रणाली को भेदने का असफल प्रयास किया। लेकिन भारतीय सेना ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस को बेनकाब कर दिया और दुनिया को संदेश दिया कि वह अपने प्रतिद्वंद्वी को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत की रक्षा प्रणाली को भेदने की असफल कोशिश की।" सिंह ने कहा, "अपनी जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी एयर डिफेंस को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया और दुनिया को यह संदेश दिया कि भारतीय सेनाएं जब चाहें और जहां चाहें, पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं।"
सिंह ने कहा कि भारत ने संयम बरता क्योंकि उसकी सैन्य कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने सात मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन हमलों के बाद चार दिनों तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुईं।
रक्षा मंत्री ने तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। रक्षा मंत्री ने थलसेना, वायुसेना और नौसेना को भारत की ताकत के 'तीन स्तंभ' बताया। गुजरात के भुज में सैनिकों के एक समूह को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी।
रक्षा मंत्री ने दशहरा के अवसर पर शस्त्र पूजा (हथियारों की पूजा) की।सिंह पिछले कई वर्षों से दशहरा पर शस्त्र पूजा करते आ रहे हैं। उन्होंने पिछली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में भी शस्त्र पूजा की थी।