Credit Cards

चीन भारत को रेयर अर्थ मिनरल्स देने को तैयार, लेकिन भारत को यह वादा करना होगा कि वह इसे अमेरिका को नहीं देगा

चीन ने 9 अक्टूबर को रेयर अर्थ मिनरल्स के एक्सपोर्ट के नियमों को कड़ा कर दिया। उसने कहा है कि उसने विदेशी डिफेंस कंपनियों और सेमीकंडक्टर्स मैन्युफैक्चरर्स को रेयर अर्थ मिनरल्स की सीमित सप्लाई का प्लान बनाया है। चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स की अपनी लिस्ट में 5 नए एलिमेंट्स भी शामिल किए हैं

अपडेटेड Oct 09, 2025 पर 6:18 PM
Story continues below Advertisement
दुनिया में रेयर अर्थ मिनरल्स के कुल उत्पादन में चीन की 90 फीसदी हिस्सेदारी है।

चीन भारत को रेयर अर्थ मिनरल्स दोनों को तैयार है। लेकिन, इसके लिए उसने एक अनोखी शर्त रखी है। उसने कहा है कि वह भारत को तभी रेयर अर्थ मिनरल्स देगा जब भारत यह वादा करेगा कि वह अमेरिका को इसका एक्सपोर्ट नहीं करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अगर भारत चीन की यह शर्त मान लेता है तो चीन रेयर अर्थ मिनरल्स देगा। हालांकि, भारतीय कंपनियां पहले ही इस बात का आश्वासन दे चुकी हैं कि वे चीन से मिलने वाले रेयर अर्थ मिनरल्स का इस्तेमाल व्यापक जनसंहार के हथियार बनाने में नहीं करेंगी।

चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स के एक्सपोर्ट के नियमों को सख्त किया

चीन ने 9 अक्टूबर को रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) के एक्सपोर्ट के नियमों को कड़ा कर दिया। उसने कहा है कि उसने विदेशी डिफेंस कंपनियों और सेमीकंडक्टर्स मैन्युफैक्चरर्स को रेयर अर्थ मिनरल्स की सीमित सप्लाई का प्लान बनाया है। चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स की अपनी लिस्ट में 5 नए एलिमेंट्स भी शामिल किए हैं। दुनिया में रेयर अर्थ मिनरल्स का सबसे ज्यादा उत्पादन चीन में होता है। दुनिया में रेयर अर्थ मिनरल्स के कुल उत्पादन में चीन की 90 फीसदी हिस्सेदारी है।


चीन ने अप्रैल में रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई रोक दी थी

चीन और अमेरिका के बीच लंबे समय से टैरिफ को लेकर तनातनी चल रही है। अमेरिकी सांसदों ने 9 अक्टूबर को चीन को चिप बनाने वाले इक्विपमेंट्स के निर्यात पर व्यापक प्रतिबंध लगाने की मांग की। इसके जवाब में चीन ने भी अपना रुख सख्त किया। इस साल अप्रैल में चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई रोक दी थी। इससे दुनियाभर में इसकी कमी हो गई थी। फिर यूरोप और अमेरिका के साथ बातचीत के बाद इसने सप्लाई शुरू की।

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सहित कई इंडस्ट्री में होता है इस्तेमाल

चीन फिर से तब रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई सीमित करने का प्लान बना रहा है, जब इस महीने के आखिर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण कोरिया में मुलाकात होने वाली है। अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स की काफी जरूरत है। इसकी वजह यह है कि ऐसे 17 एलिमेंट्स का इस्तेमाल कई तरह की इंडस्ट्री में होता है। इनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, एयरक्रॉफ्ट इंजन और मिलिट्री रडार शामिल हैं। अमेरिका के साथ टैरिफ को लेकर टकराव बढ़ने के बाद से चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई का इस्तेमाल एक हथियार की तरह किया है।

यह भी पढ़ें: भारत की यात्रा पर आए तालिबानी विदेश मंत्री मुत्तकी, आतंकवाद और अमेरिकी प्रतिबंध को लेकर हो सकती है चर्चा

एक्सपोर्टर्स को चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री से लेना पड़ता है एप्रूवल

इंडिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग में रियर अर्थ मिनरल्स का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन, एयरोस्पेस और डिफेंड इंडस्ट्री में भी इनका इ्स्तेमाल होता है। चीन ने अप्रैल में रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई के नियमों को सख्त कर दिया था। इसके बाद एक्सपोर्टर्स को इसके सप्लाई से पहले कॉमर्स मिनिस्ट्री का एप्रूवल लेना पड़ता है। इंपोर्टर्स को भी यह बताना पड़ता है कि वह इनका इस्तेमाल कहां करेगा।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।