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Su-57 या राफेल... AMCA के साथ किस फाइटर जेट्स की दिखेगी जुगलबंदी? एयर चीफ मार्शल ने कही ये बात

Russia Su-57 and France Rafale : एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि, जहां तक Su-57 जैसे विकल्पों की बात है, उन्होंने कहा कि सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायु सेना में किसी भी हथियार प्रणाली को अपनाने की एक तय प्रक्रिया होती है और उसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा

अपडेटेड Oct 03, 2025 पर 2:43 PM
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एयरफोर्स की ताकत बढ़ाने के लिए भारत अपने बड़े में रूस ने Su-57 या फ्रांस के राफेल को शामिल करने की योजना बना रहा है।

Russia Su57 and France Rafale : सितंबर 2025 में इंडियन एयरफोर्स से मिग-21 (Mig-21) विमानों को रिटायर कर दिया गया। इनके रिटायर होने के साथ ही इंडियन एयरफोर्स में अब स्क्वाड्रन घटकर 29 गई है। इंडियन एयरफोर्स को 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है, लेकिन भारत उस नंबर से काफी पीछे है। वहीं एयरफोर्स की ताकत बढ़ाने के लिए भारत अपने बड़े में रूस ने Su-57 या फ्रांस के राफेल को शामिल करने की योजना बना रहा है। जानकारी के मुताबिक, भारत को रूस और फ्रांस के मॉडर्न टेक्नॉलोजी से लैस मल्टी रोल फाइटर जेट्स ऑफर हुए हैं, लेकिन भारत को दोनों में से कोई एक ऑफर सेलेक्ट करना है और वह ऑफर कौन-सा होगा? वहीं इस बारे में एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने बड़ी जानकारी दी है।

AMCA कब होगा शामिल?

भारतीय वायु सेना की 93वीं वर्षगांठ पर, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की गति और सटीकता की सराहना करते हुए कहा कि इसने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने आगे कहा कि, एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) की पहली उड़ान इसी दशक में होने की उम्मीद है उनकी जानकारी के अनुसार पहली उड़ान 2028 में होगी। उनका मानना है कि 2035 तक AMCA को भारतीय वायु सेना में शामिल कर लिया जा सकता है और यह समय-सीमा हासिल करना संभव है, शायद इससे भी बेहतर समय मेंतकनीक के बारे में उन्होंने कहा कि AMCA के लिए आवश्यक तकनीकें वायु सेना के दिमाग में स्पष्ट हैं, हमें क्या चाहिए, किन चीज़ों की ज़रूरत है, और ये तकनीकें कहा और कैसे उपलब्ध हो सकती हैं यह पता है

 Su-57 पर कही ये बात


एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि, जहा तक Su-57 जैसे विकल्पों की बात है, उन्होंने कहा कि सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगारक्षा मंत्रालय और भारतीय वायु सेना में किसी भी हथियार प्रणाली को अपनाने की एक तय प्रक्रिया होती है और उसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगाजो भी विकल्प सामने आएगा, उसे यह देख कर चुना जाएगा कि वह हमारी जरूरतों को पूरा करता है या नहीं और हमारे लिए क्या सबसे उपयुक्त है हमारे पास कई विकल्प मौजूद हैं। जैसे आपने Su-57 और राफेल की बात की, तो ये दोनों ही हमारे सामने विकल्प के रूप में हैंदरअसल, हमने पहले ही MMRCA अनुबंध के तहत इन पर गहराई से अध्ययन किया था और उस समय हमें राफेल सबसे उपयुक्त विमान लगा था

राफेल को अपनाना आसान...

उन्होंने कहा कि इस कटैगरी एयरक्राफ्ट फिलहाल वायुसेना के लिए बहुत जरूरी हैअब चाहे वह राफेल हो या कोई दूसरा विमान, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ताहां, राफेल को अपनाना आसान रहेगा क्योंकि इसके साथ हमारा अनुभव पहले से है एयर चीफ मार्शल ने आगे कहा कि हमें ऐसा डिज़ाइन हाउस चुनना चाहिए जो भारत में विमान बनाने का प्रस्ताव दे, हमें नई तकनीक उपलब्ध कराए और हमें अधिक स्वतंत्रता देऐसे ही किसी साझेदार को चुनना देश और वायुसेना दोनों के लिए सही होगा

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