Shashi Tharoor: शशि थरूर ने फिर की पीएम मोदी की जमकर तारीफ, कांग्रेस सांसद ने पार्टी को किया असहज

Shashi Tharoor: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारत की आर्थिक दिशा को रेखांकित करने और देश की विरासत को गौरवशाली बनाने पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने यह बात पीएम मोदी के हालिया संबोधन के बाद कही। शशि थरूर ने मंगलवार को छठे रामनाथ गोयनका व्याख्यान में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन पर विचार किया

अपडेटेड Nov 18, 2025 पर 4:26 PM
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Shashi Tharoor: शशि थरूर ने देश की विरासत को गौरवशाली बनाने पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की

Shashi Tharoor: तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार (18 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। थरूर ने भारत की आर्थिक दिशा को रेखांकित करने और देश की विरासत को गौरवशाली बनाने पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने यह बात पीएम मोदी के हालिया संबोधन के बाद कही। शशि थरूर ने मंगलवार को छठे रामनाथ गोयनका व्याख्यान में प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन पर विचार किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का भाषण एक आर्थिक दृष्टिकोण और कार्रवाई का सांस्कृतिक आह्वान दोनों था।

थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पोस्ट में लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी ने विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता की बात की और एक औपनिवेशिक काल के बाद की मानसिकता से मुक्ति पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब सिर्फ 'उभरता हुआ बाजार' नहीं, बल्कि दुनिया के लिए 'उभरता हुआ मॉडल' है। उन्होंने देश की आर्थिक मजबूती पर भी ध्यान दिलाया। पीएम मोदी ने कहा कि उन पर हमेशा चुनाव मोड में रहने का आरोप लगता है। लेकिन असल में वह लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए भावनात्मक मोड में रहते हैं।"

थरूर ने प्रधानमंत्री द्वारा मैकाले की 200 साल पुरानी 'गुलामी मानसिकता' की विरासत को पलटने पर जोर देने की सराहना की। उन्होंने आगे कहा, "भाषण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मैकाले की विरासत को पलटने के लिए समर्पित था। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की विरासत, भाषाओं और ज्ञान सिस्टम में गौरव की बहाली के लिए 10 साल के राष्ट्रीय मिशन की अपील की। ​​हालांकि थरूर ने यह भी कहा कि काश, उन्होंने यह भी स्वीकार किया होता कि कैसे रामनाथ गोयनका ने भारतीय राष्ट्रवाद की आवाज उठाने के लिए अंग्रेजी का इस्तेमाल किया था!"


थरूर ने पोस्ट के अंत में लिखा, "कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री का यह भाषण एक तरह से आर्थिक दृष्टिकोण और साथ ही सांस्कृतिक बदलाव की अपील भी था, जिसमें उन्होंने देश को प्रगति के लिए उत्सुक रहने का आग्रह किया।" थरूर ने सर्दी-खांसी से जूझने के बावजूद श्रोताओं में शामिल होने पर खुशी व्यक्त की।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को छठे रामनाथ गोयनका व्याख्यान में भाषण दिया था। उन्होंने मैकाले के भारतीय शिक्षा प्रणाली पर प्रभाव के बारे में भी विस्तार से बात की, जिसमें अंग्रेजी को शिक्षा के प्राथमिक माध्यम के रूप में बढ़ावा दिया गया था।

प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि भारत अपनी भाषाओं को कमजोर क्यों कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम अंग्रेजी का विरोध नहीं करते, हम भारतीय भाषाओं का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि अगले 10 साल में इस औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति पाना हमारे संकल्प के रूप में शामिल हो।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बिहार चुनाव परिणाम ने सभी राज्य सरकारों को स्पष्ट संदेश दिया है कि उनकी विकास नीतियां ही उनकी पार्टियों का भविष्य निर्धारित करेंगी, चाहे वे वामपंथी, दक्षिणपंथी या मध्यमार्गी दल हों।

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छठा रामनाथ गोयनका व्याख्यान देते हुए पीए मोदी ने उन लोगों पर भी कटाक्ष किया जो उन्हें और बीजेपी को हमेशा चुनावी मोड में रहने वाला कहते हैं। उन्होंने कहा कि चौबीसों घंटे विकास और लोगों की संवदेनाओं के प्रति कटिबद्ध रहने का भावनात्मक मोड ही है जो बीजेपी को चुनाव जिताता है।

इससे कुछ दिन पहले थरूर ने वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के जन्मदिन पर बधाई देने के बाद कहा था कि उनके लंबे सार्वजनिक जीवन और सेवा को एक घटना तक सीमित करना अनुचित है। इस पर कांग्रेस के कई नेता थरूर पर भड़क गए थे।

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