असम के पॉपुलर हुए सिंगर जुबीन गर्ग का 19 सितंबर को अचानक निधन हो गया। इस निधन ने पूरे देश को शोक में डाल दिया खासतौर पर असम में। सिंगापुर में एक स्कूबा डाइविंग के दौरान दुर्घटनावश उनकी जान चली गई। वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पुष्टि की है कि मशहूर गायक जुबीन गर्ग का निधन सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान डूबने से हुआ। यह जानकारी आधिकारिक डेथ सर्टिफिकेट में दर्ज है।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
असम मंत्रिमंडल ने रविवार को गायक जुबीन गर्ग के निधन पर शोक जताते हुए बैठक में एक मिनट का मौन रखा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार गुवाहाटी के पास स्थित उनके गांव में 23 सितंबर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। जुबीन को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार सुबह से ही सरुसजाई स्टेडियम में हजारों प्रशंसक जुटे रहे। कई लोग तो रातभर स्टेडियम के बाहर डटे रहे ताकि सुबह अपने प्रिय गायक की अंतिम झलक पा सकें। कांच के ताबूत में रखे उनके पार्थिव शरीर को देखकर लोग गमगीन हो उठे।
मुख्यमंत्री सरमा ने सोशल मीडिया पर लिखा – “मानवता का सागर अपने प्यारे बेटे को विदाई देने के लिए उमड़ा। उसने राजा की तरह जीवन जिया और अब उसे स्वर्ग में भी उसी सम्मान के साथ भेजा जा रहा है।” वहीं मशहूर गायक जुबीन गर्ग की पत्नी गरिमा ने प्रशंसकों के स्नेह और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने भावुक होकर कहा – “अगर जुबीन आज हमारे बीच होते, तो इस अपार प्रेम को देखकर भावुक हो जाते। अब वे खुद कुछ नहीं कह सकते, इसलिए उनकी ओर से मैं आप सभी का आभार व्यक्त करती हूं।”
जुबीन के निधन पर पूरे देश से श्रद्धांजलि संदेश आ रहे हैं। नेता, कलाकार और आम नागरिक सभी ने गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उनका पार्थिव शरीर शनिवार आधी रात को सिंगापुर से नई दिल्ली लाया गया और रविवार सुबह लगभग 7 बजे गुवाहाटी पहुंचा, जहां हजारों लोगों ने नम आँखों से अपने प्रिय गायक को श्रद्धांजलि दी।
जुबीन गर्ग को अंतिम विदाई देने उमड़ा जनसैलाब
गुवाहाटी एयरपोर्ट से जुबीन गर्ग के पार्थिव शरीर को उनके काहिलीपारा स्थित घर तक ले जाया गया। करीब 25 किलोमीटर का यह सफर छह घंटे में पूरा हुआ क्योंकि रास्ते भर हजारों लोग कतारों में खड़े होकर अपने प्रिय गायक को श्रद्धांजलि दे रहे थे। असम सरकार ने उनके निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। शनिवार से सोमवार तक सभी सरकारी समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रिभोज रद्द कर दिए गए।
जुबीन गर्ग ने न केवल असमिया, बंगाली और हिंदी फिल्मों व संगीत में अपनी छाप छोड़ी, बल्कि उन्होंने 40 से ज्यादा भाषाओं और बोलियों में भी गाया। इनमें बिष्णुप्रिया मणिपुरी, बोरो, गोलपारिया, कार्बी, खासी, मिसिंग, उड़िया, नेपाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु, अंग्रेज़ी और तिवा जैसी भाषाएं शामिल हैं।
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