Sonbhadra Mine Accident: 72 घंटे बाद बंद हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, मलबे में मिले 6 शव...हादसे में सात मजदूरों की मौत

Sonbhadra Mine Accident : सोनभद्र के जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि, “दो बार पूरी जांच के बाद पुष्टि हो गई कि सात शवों के अलावा नीचे कोई और मृत या घायल व्यक्ति नहीं है। पूरी संतुष्टि के बाद ही अभियान को बंद किया गया

अपडेटेड Nov 18, 2025 पर 8:19 PM
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Sonbhadra Mine Accident: सोनभद्र के पत्थर खदान में हुए हादसे में सात मजदूरों के शव बरामद हुए हैं।

Sonbhadra Mine Accident  : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के पत्थर खदान में हुए हादसे में सात मजदूरों के शव बरामद हुए हैं। सोनभद्र के बिल्ली मारकुंडी खदान हादसे में मलबे से छह और मजदूरों के शव बरामद किए गए। इसके साथ ही इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। वहीं इन शवों के मिलने के बाद 72 घंटे से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को खत्म कर दिया गया है। बता दें कि शनिवार, 15 नवंबर को खदान ढहने की घटना में कई मजदूर पत्थरों के नीचे दब गए थे।

हादसे में सात लोगों की मौत

जिलाधिकारी बीएन सिंह के मुताबिक 16 और 17 नवंबर की रात से लेकर सोमवार दोपहर तक जिन पांच शवों को निकाला गया, उनकी पहचान इंद्रजीत (30), संतोष (30), रवींद्र (18), राम खेलावन (32) और कृपाशंकर के रूप में हुई है। इससे पहले रविवार को राजू सिंह (30) का शव मिला था। वहीं बिल्ली मारकुंडी घाटी में हुई खनन दुर्घटना के मृतकों के परिजनों को अनुदान देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिलाधिकारी के निर्देश पर श्रम विभाग, जिला प्रोबेशन विभाग और समाज कल्याण विभाग की टीमें मृतक परिवारों के घर-घर जाकर विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता उपलब्ध कराने के लिए फॉर्म भरवा रही हैं।


हादसे में अबतक नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी

सोनभद्र के जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि, “दो बार पूरी जांच के बाद पुष्टि हो गई कि सात शवों के अलावा नीचे कोई और मृत या घायल व्यक्ति नहीं है। पूरी संतुष्टि के बाद ही अभियान को बंद किया गया।” बचाव अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआईएसएफ, स्थानीय पुलिस और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मिलकर लगातार काम किया। पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि अब यह अभियान औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया है और हादसे के मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

यह बचाव अभियान शनिवार को तब शुरू हुआ जब खनन के दौरान करीब छह मीटर लंबी और चार मीटर चौड़ी एक बड़ी चट्टान अचानक टूटकर नीचे गिर गई और कई मजदूर उसके नीचे दब गए। शुरुआत में अधिकारियों को अंदेशा था कि मलबे में लगभग 15 मजदूर फंसे हो सकते हैं। इलाके की जमीन अस्थिर होने और चट्टान के फिर गिरने के खतरे की वजह से बचाव दल को बहुत सावधानी से काम करना पड़ा। भारी मशीनें तभी लगाई जा सकीं जब अल्ट्राटेक के विशेषज्ञों सहित तकनीकी टीम ने यह तय कर लिया कि चट्टान को बिना और भूस्खलन कराए किस तरह काटकर हटाया जा सकता है।

इन लोगों पर दर्ज हुआ केस

पुलिस ने एक मृत मजदूर के भाई की शिकायत पर ओबरा थाने में खदान मालिक और दो अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उन पर लापरवाही बरतने और सुरक्षा व खनन से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए गए हैं। अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि खदान में खुदाई का काम नियमों के अनुसार हो रहा था या नहीं, और क्या पहले जारी किए गए किसी निलंबन आदेश को नजरअंदाज किया गया था।

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