Anmol Bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई के भाई समेत 200 भारतीयों को US ने किया डिपोर्ट, कल सुबह दिल्ली उतरेगा विमान

Anmol Bishnoi: अनमोल बिश्रोनई के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उसके पहुंचते ही NIA उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लेगी। अनमोल पर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े बड़े अपराधों और जबरन वसूली के कई मामलों में शामिल होने का आरोप है

अपडेटेड Nov 18, 2025 पर 10:58 PM
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Anmol Bishnoi : बाबा सिद्दीकी की हत्या का आरोपी अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से भारत लाया जा रहा है।

Anmol Bishnoi: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या का आरोपी अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से भारत लाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक वह बुधवार सुबह नई दिल्ली पहुंचेगा। जानकारी के मुताबिक अमेरिका से 200 भारतीयों  को डिपोर्ट किया गया, इनमें अनमोल बिश्नोई भी शामिल है। ये लोग मंगलवार सुबह दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे।

दिल्ली पहुंचते ही NIA ने करेगी गिरफ्तार

वहीं अनमोल बिश्रोनई के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उसके पहुंचते ही NIA उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लेगी। अनमोल पर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े बड़े अपराधों और जबरन वसूली के कई मामलों में शामिल होने का आरोप है। अनमोल सरहद पार बैठे-बैठे जबरन वसूली का बड़ा नेटवर्क चलाता था। वह शूटरों को निर्देश देने, फंडिंग की व्यवस्था करने, विदेश से धमकी संदेश भेजने और एन्क्रिप्टेड चैनलों के जरिए टार्गेटेड किलिंग का पूरा सिस्टम संभालने के लिए जाना जाता है। उसके खिलाफ दर्ज सभी मामले फिलहाल एनआईए की जांच में हैं।


अनमोल पर हैं कई गंभीर आरोप 

बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर 2024 की रात बांद्रा में उनके बेटे जीशान के ऑफिस के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अनमोल के बड़े भाई लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह से जुड़े कई लोगों को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। लॉरेंस बिश्नोई इस समय जेल में है। इसके अलावा, बिश्नोई अप्रैल 2024 में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर हुई फायरिंग के मामले में भी आरोपी है।

ट्रंप सरकार के नियमों के कारण हुआ तेजी से एक्शन

शीर्ष खुफिया सूत्रों के मुताबिक, अनमोल बिश्नोई को अमेरिका से भेजे जाने की कार्रवाई सीधे तौर पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई इमिग्रेशन नीति से जुड़ी है। इन नए नियमों के तहत, यदि किसी अवैध प्रवासी की इमिग्रेशन पिटीशन खारिज हो जाती है, तो उसे तुरंत हिरासत में लेना जरूरी होता है। बाइडेन सरकार के समय, जिन लोगों की याचिकाएं खारिज होती थीं, वे नई याचिका दाखिल कर सकते थे और उनके नए आवेदन पर कार्रवाई होने तक वे आजादी से रह सकते थे। इस वजह से डिपोर्टेशन प्रोसेस काफी लंबी खिंच जाती थी। लेकिन ट्रंप सरकार के नए नियम इस सुविधा को खत्म कर दिया है। अब पहली याचिका खारिज होने के बाद ही हिरासत अनिवार्य है। इससे आवेदक न तो गिरफ्तारी से बच सकते हैं और न ही सुनवाई से बचने के लिए गायब हो सकते हैं।

अनमोल बिश्नोई भी लगभग डेढ़ साल से अमेरिका की हिरासत में था और नई नीति के कारण उसपर मामले में तेजी से कार्रवाई हुई। अधिकारियों का कहना है कि यह नियम सिर्फ भारतीयों पर नहीं, बल्कि सभी अवैध प्रवासियों पर समान रूप से लागू होता है।

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