भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही लड़ाई के बाद सीजफायर का जो ऐलान हुआ था, उसके पीछे की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कारोबार रोकने की चेतावनी नहीं थी। मनीकंट्रोल को यह जानकारी टॉप के सरकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। ट्रम्प के दावों का खंडन करते हुए सूत्रों ने कहा कि अमेरिका के टॉप सरकारी अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों से बात की थी, लेकिन इनमें से किसी भी बातचीत में व्यापार का कोई जिक्र नहीं था। सूत्र ने कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर का ऐलान हुआ था तो अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) ने 9 मई को पीएम मोदी से बातचीत की थी। इससे एक दिन पहले 8 मई को अमेरिका के सचिव रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और 10 मई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोवाल से बात किया था। हालांकि इनमें से किसी भी बातचीत में कारोबार का जिक्र नहीं हुआ था।
सीजफायर के लिए अमेरिका ने कारोबार रोकने की चेतावनी दी थी, इसका जिक्र खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया था। 12 मई को ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को चेतावनी दी थी कि अगर वे लड़ाई नहीं बंद करते हैं तो अमेरिका दोनों से अपना कारोबार बंद कर देगा। ट्रंप ने कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान लड़ाई बंद करते हैं तो अमेरिका के साथ कारोबार जारी रहेगा, अन्यथा नहीं।
ट्रंप का दावा, खास तरीके से इस्तेमाल किया करोबार का
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि लोगों ने वास्तव में यह कभी नहीं सोचा होगा कि इस तरह से भी कारोबार का इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का क्रेडिट लेने में ट्रंप ने बहुत तेजी दिखाई और इसे स्थायी सीजफायर कहा। उन्होंने कहा कि शनिवार को उनकी सरकार ने तत्काल सीजफायर करने में मदद की। सीजफायर यानी युद्ध विराम की घोषणा के बाद अमेरिका और भारत के बीच कारोबारी बातचीत किस तरह आगे बढ़ रही है, इस बारे में उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के साथ अमेरिका काफी कारोबार करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अभी भारत के साथ बातचीत कर रहा है और जल्द ही पाकिस्तान के साथ भी बातचीत होगी।