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Trump tariffs : टैरिफ लगने से पहले इलेक्ट्रॉनिक गुड्स कंपनियों ने US को बढ़ाया एक्सपोर्ट, जानिए वजह

Trump tariffs :टैरिफ लगने से पहले ही इलेक्ट्रॉनिक गुड्स इंडस्ट्री ने अमेरिका को एक्सपोर्ट बढ़ाने की शुरुआत कर दी है। अप्रैल से जून तक एक्सपोर्ट में 47 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस तिमाही में करीब 12.5 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ है। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स को फिलहाल सेक्शन 232 के तहत छूट मिलती है

अपडेटेड Aug 05, 2025 पर 7:15 PM
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इधर ट्रंप ने भारत के खिलाफ अपना रुख कड़ा करना शुरू कर दिया है। भारत ने भी कड़े शब्दों में ट्रंप की धमकी के आगे झुकने से इंकार कर दिया है और एक कड़ा बयान जारी किया है

Trump tariffs : इलेक्ट्रॉनिक गुड्स बनाने वाली कंपनियां इस वक्त जमकर अमेरिका को एक्सपोर्ट कर रही हैं। टैरिफ लागू होने से पहले ही इलेक्ट्रॉनिक गुड्स बनाने वाले कंपनियां ने अपने एक्सपोर्ट को 50 फीसदी तक बढ़ा दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के सामने एक बार फिर से अनिश्चितता खड़ी हो गई है।

टैरिफ लगने से पहले ही इलेक्ट्रॉनिक गुड्स इंडस्ट्री ने अमेरिका को एक्सपोर्ट बढ़ाने की शुरुआत कर दी है। अप्रैल से जून तक एक्सपोर्ट में 47 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। इस तिमाही में करीब 12.5 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ है। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स को फिलहाल सेक्शन 232 के तहत छूट मिलती है। 14 अगस्त के बाद सेक्शन 232 की रिव्यू बैठक होगी जिसमें भारत इलेक्ट्रॉनिक गुड्स पर छूट जारी रखने की मांग करेगा। सेक्शन 232 की रिव्यू बैठक में अगर इलेक्ट्रॉनिक गुड्स को आगे भी छूट मिलती है तो यह अमेरिका और भारत दोनों के लिए लाभदायक होगा।

ट्रंप का वार, भारत का जोरदार पलटवार

इधर ट्रंप ने भारत के खिलाफ अपना रुख कड़ा करना शुरू कर दिया है। भारत ने भी कड़े शब्दों में ट्रंप की धमकी के आगे झुकने से इंकार कर दिया है और एक कड़ा बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि भारत पर निशाना साधना न सिर्फ गलत है, बल्कि खुद इन देशों की कथनी और करनी में फर्क भी उजागर करता है। भारत हर हाल में अपने आर्थिक हितों की रक्षा करेगा। यूक्रेन संघर्ष के वक्त अमेरिका ने खुद भारत को रूस से तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि ग्लोबल मार्केट में तेल की कीमतें ना बढ़े। जो देश भारत की आलोचना कर रहे हैं, वही खुद भी रूस से व्यापार कर रहे हैं। खुद अमेरिका परमाणु ऊर्जा के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, EV के लिए पैलेडियम और उर्वरकों के साथ-साथ केमिकल भी खरीदता है।

EU को भी दिखाया आईना


भारत ने EU को भी आईना दिखाया है। सरकार के बयान में कहा गया है कि 2024 में EU और रूस के बीच 67.5 अरब यूरो का ट्रेड हुआ जो भारत और रूस के कुल व्यापार से कहीं ज्यादा है। EU रूस से रिकॉर्ड LNG खरीद रहा है।

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