Trump Tariff news : ट्रेड तनाव को बढ़ाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई को भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ़ और अतिरिक्त जुर्माने की घोषणा की, जो 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी होगा। हालांकि,इस कदम को एक रणनीतिक पैंतरेबाज़ी के रूप में देखा जा रहा है जिसका उद्देश्य बेहतर ट्रेड रियायतें हासिल करना है,न कि यह कोई अंतिम नीतिगत फैसला है।
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने ट्रंप के बयान के महत्व पर बात करते हुए मनीकंट्रोल से कहा, "यह सिर्फ़ एक बेहतर समझौते के लिए दबाव बनाने की धमकी है। ऐसा लगता है कि यह अभी अंतिम फैसला नहीं है।" 25 फीसदी टैरिफ और जुर्माने को एक पक्के नीतिगत फैसले के बजाय शुरुआती सौदेबाज़ी की चाल के रूप में देखा जा रहा है।
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब दोनों देशों के बीच ट्रेड पर होने वाली बातचीत अभी भी जारी है। प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर अगले दौर की चर्चा के लिए अमेरिकी सरकार के निगोसिएटरों का एक दल अगस्त के अंत में नई दिल्ली आने की उम्मीद है। पांचवें दौर की बातचीत जुलाई की शुरुआत में वाशिंगटन में हुई थी।
30 जुलाई को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा,"हम अभी भारत से बात कर रहे हैं, देखते हैं क्या होता है। इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि हम उनके साथ कोई समझौता करते हैं या नहीं या हम उनसे अलग से टैरिफ लगाते हैं या नहीं, लेकिन आपको इस हफ्ते के अंत तक पता चल ही जाएगा।"
ट्रंप प्रशासन के नए टैरिफ ढांचे के तहत, भारत को दुनिया भर में सबसे ज़्यादा दरों का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय वस्तुओं पर लगाया गया 25 फीसदी टैरिफ उन देशों पर लागू दरों से ज़्यादा है जिन्होंने अमेरिका के साथ आंशिक समझौते किए हैं । यूरोपीय संघ (15 प्रतिशत), ब्रिटेन (10 प्रतिशत), इंडोनेशिया (19 प्रतिशत), फिलीपींस (20 प्रतिशत), और वियतनाम (20 प्रतिशत) पर भारत से काफी कम टैरिफ लगाया गया है। केवल चीन पर ही 30 प्रतिशत की उच्च टैरिफ दर लागू है। मलेशिया पर भी 25 प्रतिशत की दर लागू है। हालांकि, भारत पर बांग्लादेश (37%) और श्रीलंका (44%) जैसे देशों पर लगाए गए टैरिफ की तुलना में कम टैरिफ लगाया गया है।