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Trump tariff threat : ट्रंप की टैरिफ धमकी से संकट में रुपया, दखल दे सकता है आरबीआई

ट्रेडरों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक रुपये की गिरावट को रोकने के लिए कदम उठा सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपया इस साल के शुरू के अपने ऑलटाइम लो 87.95 के करीब पहुंच गया है। इस साल अब तक रुपया 2 फीसदी गिर चुका है

अपडेटेड Jul 31, 2025 पर 10:36 AM
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ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी,रूसी तेल खरीदने और ब्रिक्स समूह में शामिल होने पर पेनाल्टी के ऐलान से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्रों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है

Trump tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से अमेरिका हो होने वाले निर्यात पर 25 फीसकी टैरिफ लगाने की धमकी के बाद गुरुवार को भारतीय रुपया कमजोर के साथ खुला है। डॉलर के मुकाबले रुपया आज 27 पैसे कमजोर होकर 87.42 रुपए प्रति डॉलर के मुकाबले 87.69 रुपए प्रति डॉलर पर खुला है। हालांकि ट्रंप ने यह भी कहा है कि उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत अभी भी जारी है।

फोरेक्स ट्रेडरों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये की गिरावट को सीमित करने के लिए कदम उठा सकता है, क्योंकि रुपये की कीमत इस साल के शुरू के अपने ऑलटाइम लो 87.95 के करीब पहुंच गई है।

एक महीने के नॉन-डिलिवरेबल फॉरवर्ड से संकेत मिल रहा था कि रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.66-87.69 के दायरे में खुलेगा, जबकि पिछले सत्र में यह 87.42 पर बंद हुआ था। यह संकेत सही भी साबित हुआ।


ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी,रूसी तेल खरीदने और ब्रिक्स समूह में शामिल होने पर पेनाल्टी के ऐलान से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्रों के बीच संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है।

ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट पर टैरिफ की घोषणा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, "हम अभी भारत से बात कर रहे हैं - देखते हैं क्या होता है... आपको इस सप्ताह के अंत तक पता चल जाएगा।"

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इस साल अब तक रुपया 2 फीसदी गिर चुका है। व्यापार नीतियों की अनिश्चितता और भारतीय बाजारों से विदेशी पूंजी निकासी के दबाव के चलते रुपया सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले करेंसियो में से एक रहा है। विदेशी निवेशकों ने जुलाई में अब तक भारतीय बाजार 2 अरब डॉलर के शेयर बेचे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि ट्रेड पर नकारात्मक संकेतों के कारण दबाव बना रह सकता है।

दूसरी ओर, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा और इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि दरों में फिर कब कटौती की जा सकती है। डॉलर इंडेक्स लगभग 1% बढ़ा और अंतिम बार 99.7 के आसपास दिख रहा है।

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